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indian Women team coach Harendra Singh became emotional on organizing international hockey in Bihar


International Hockey In Bihar: अपनी जन्मभूमि बिहार के राजगीर में पहली बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी के आयोजन की खुशी में भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह (Harendra Singh) भावुक हो गए, उन्होंने रविवार (10 नवंबर) कहा कि उनका बरसों पुराना सपना सच हो गया है.

बिहार के छपरा में जन्में हरेंद्र भारतीय पुरूष टीम, महिला टीम, विश्व कप 2016 विजेता जूनियर टीम के कोच भी रहे हैं. द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त हरेंद्र तीन साल तक अमेरिकी पुरूष टीम के कोच रहने के बाद इस साल अप्रैल में फिर भारतीय महिला टीम के कोच बने.

सोमवार से शुरू हो रही एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी

राजगीर में सोमवार से शुरू हो रही एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी से पूर्व वर्चुअल को लेकर उन्होंने कहा ,‘‘बहुत कम कोचों को अपनी जन्मभूमि पर इस तरह के टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका मिलता है, जहां तक मुझे याद है स्वर्गीय एम के कौशिक सर (हरियाणा) और भास्करन वासुदेवन सर (तमिलनाडु) को यह मौका मिला.’’ 55 वर्ष के इस कोच ने कहा ,‘‘ बिहार में तो कभी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप भी नहीं हुई और अब एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जैसा बड़ा टूर्नामेंट हो रहा है और मैं कोच हूं. मेरी बरसों से इच्छा थी कि बिहार में हॉकी हो और इसे पूरा होते देखना मेरे लिए बहुत जज्बाती पल है.’’

भारतीय टीम की कप्तान सलीमा टेटे क्या कहा?

उन्होंने कहा कि मैं बिहार सरकार और हॉकी इंडिया को अपनी टीम और परिवार की ओर से इसके लिये धन्यवाद देना चाहता हूं. रोमांच के साथ अपेक्षायें भी बहुत हैं और सारी लड़कियां भी काफी उत्साहित हैं. भारतीय टीम की कप्तान सलीमा टेटे ने कहा कि सर के साथ हम सभी उनके प्रदेश में पहली बार खेलने को लेकर उत्साहित हैं. हम अच्छे नतीजे देकर इसका जश्न मनाना चाहते हैं. हमारी कोशिश इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने की होगी. उन्होंने कहा कि टीम इंडिया नतीजे पर नहीं बल्कि हर मैच पर ध्यान दे रही है.

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