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Ban on entry of women in Darul Uloom Deoband lifted, know what are the new rules


Darul Uloom: इस्लामी मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने अपने परिसर में महिलाओं और लड़कियों के आने पर प्रतिबंध हटा लिया है. हालांकि इसके लिए कड़े नियम बनाए गए हैं. यह निर्णय छह महीने पहले आई शिकायतों के बाद आया है कि कुछ महिलाएं “मदरसे के भीतर सोशल मीडिया रील बना रही थीं और अपलोड कर रही थीं.” 

दारुल उलूम के कुलपति अबुल कासिम नोमानी ने कहा, “प्रतिबंध हटा लिया गया है और अब दुनिया भर की महिलाएं दारुल उलूम परिसर में प्रवेश कर सकेंगी. इस दौरान उन्हें कुछ नियम मनाने होंगे. 

जानें क्या होंगे नये नियम 

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, दारुल उलूम में आने वाली महिलाओं को घूंघट में रहना होगा और उनके साथ एक पुरुष अभिभावक होना चाहिए. उन्हें अपना नाम और पिता का नाम जैसी व्यक्तिगत जानकारी के साथ-साथ आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र जैसे पहचान दस्तावेज देने होंगे. इसके अतिरिक्त, संस्थान के भीतर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी प्रतिबंधित है.

दारुल उलूम के कुलपति अबुल कासिम नोमानी ने कहा, “नियंत्रित और सम्मानजनक माहौल सुनिश्चित करने के लिए सभी आगंतुकों को दो घंटे की वैधता वाला एक अस्थायी पास जारी किया जाएगा, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों पर लागू होगा.” शनिवार को महिला आगंतुकों को 31 पास जारी किये गये.

लोगों ने किया फैसले का स्वागत

सहारनपुर की सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना अदीब ने प्रतिबंध हटाने के संस्थान के फैसले का स्वागत किया. लेकिन प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं को बिना किसी शर्त के मदरसा जाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए.” 

17 मई को लागू किए गए इस प्रतिबंध ने कई लोगों को चौंका दिया था. इस दौरान कहा गया था कि महिलाओं की मौजूदगी छात्रों का ध्यान उनकी पढ़ाई से भटका रही है. इसके बाद देश भर से आने वाली महिलाओं को मदरसा और रशीदिया मस्जिद को केवल दूर से देखने की अनुमति दी गई थी.



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