Punjab Bhagwant Mann Govt Agriculture Minister Gurmeet Singh Khuddian On Stubble Burning
Punjab Minister On Stubble Burning: देश में पराली जलाने के मसला लगातार चर्चा में है. इस बीच पंजाब की भगवंत मान सरकार में कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने इसे लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दावा करते हुए कहा है कि हमने पराली जलाने पर काफी हद तक काबू पा लिया है. हमने इस पर 70 फीसदी तक नियंत्रण पा लिया है.
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने भी गुरुवार (7 नवंबर) को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को जानकारी देते हुए कहा कि सितंबर और नवंबर के बीच प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी दर्ज की गई है. एनजीटी ने पंजाब में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के बारे में बोर्ड से एक रिपोर्ट मांगी थी.
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्या कहा?
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गुरुवार को वेबसाइट पर अपलोड की गई पांच नवंबर की तिथि वाली रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों के निरंतर प्रयासों से, 2024 में 15 सितंबर से चार नवंबर की अवधि के लिए पराली जलाने की घटनाओं में 2023 और 2022 की समान अवधि की तुलना में काफी कमी आई है.”
पंजाब में पराली से संबंधित कितने मामले दर्ज?
इस रिपोर्ट में ये बात कही गई है कि साल 2022 में पराली जलाने की 26,583 घटनाएं, 2023 में 14,173 घटनाएं हुई. वहीं, इस साल 4,145 घटनाएं दर्ज की गईं. यह भी कहा गया कि इन घटनाओं पर निगरानी और इसे रोकने के लिए 9,492 अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. वहीं, पंजाब पुलिस ने 18 सितंबर से 30 अक्टूबर तक पराली जलाने वालों के खिलाफ 1,626 प्राथमिकी दर्ज की है.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बीजेपी पंजाब की भगवंत मान सरकार को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराती रही है. बीजेपी का आरोप है कि पंजाब में पराली जलाने की घटना लगातार बढ़ रही है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कुछ दिन पहले कहा था, ”दिल्ली की मूलभूत समस्याओं में वायु प्रदूषण का स्थान प्रमुख है, जिसका कारण पराली का जलना और उससे होने वाला धुआं ही है.’केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार (7 नवंबर) कहा था कि पराली केवल प्रदूषण का कारण है. यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माने की रकम को दोगुना कर दिया है. इसके मुताबिक दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को 5,000 रुपये देना होगा. दो से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को 10,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों को पराली जलाने पर 30,000 रुपये जुर्माना देना होगा.
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