Allahabad High Court On Gyanvapi Case, ASI Survey – ज्ञानवापी में ASI सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी, पढ़ें हिन्दू और मुस्लिम पक्ष ने क्या दलीलें दी
मस्जिद कमेटी की दलील
1. 1669 में कोई मंदिर किसी बादशाह के आदेश से नहीं तोड़ा गया.
2. ज्ञानवापी मस्जिद 1000 साल से ज्यादा वहां मौजूद है.
3.कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के दौरान शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा मिला था.
4.राम जन्मभूमि के मामले में फैसले की परिस्थितियां अलग थी. राम मंदिर का उदाहरण ज्ञानवापी के मामले में नहीं दिया जा सकता है. जिस ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर होने की बात की जा रही है, वो मनगढ़ंत है.
5.हिंदू पक्ष की ये कल्पना है कि पश्चिमी दीवार और मस्जिद के ढांचे के नीचे कुछ मौजूद है. कल्पना के आधार पर ASI सर्वे की इजाजत नहीं दी जा सकती.
6.जिला जज द्वारा ASI सर्वे का आदेश देना गैरकानूनी है.
7. हिंदू पक्ष का दावा है कि प्लॉट नंबर 9130 पर ही 1585 में राजा टोडरमल ने मंदिर का निर्माण कराया और 1669 में उसे तोड़ दिया गया. उसी मंदिर में गौरी श्रृंगार, हनुमान और गणेश भगवान की पूजा की मांग महिलाएं कर रही हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने दस्तावेज़ों को पढ़ना शुरू किया
CJ – किस सेक्शन के तहत महिला पक्ष ने ASI सर्वे की मांग की गई है.
कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि आप क्या अब इस तरह की दलीलें दे सकते हैं, जब सुनवाई पूरी हो गई है.
मुस्लिम पक्ष ने कहा- सुनवाई पूरी नहीं हुई है.
महिला भक्तों ने सीपीसी के सेक्शन 75 e के तहत जिला अदालत मुकदमा दायर किया था. इस सेक्शन के तहत कोर्ट के पास इस तरफ के सर्वे कराने की शक्ति है.
मुस्लिम पक्ष : कोर्ट ने एप्लिकेशन फाइल होते ही सर्वे का आदेश पास कर दिया
मुस्लिम पक्ष – महिला याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनके पास सबूत नहीं हैं, और ASI को सबूत इकट्ठे करने चाहिए
मुस्लिम पक्ष – महिला याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वो मौखिक सबूतों के आधार पर तथ्य नहीं पेश किए जा सकते हैं
याचिका के जरिए हिंदू पक्ष ने जिला कोर्ट से ही सबूत इकट्ठे करने की मांग की है
मुस्लिम पक्ष – इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है.आप सबूत इकट्ठा करने के लिए किसी और को नहीं कह सकते हैं. ये गैरकानूनी है.
CJ ने मुस्लिम पक्ष के वकील से महिला याचिकाकर्ताओं की याचिका पढ़ने को कहा
मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या ये सर्वे सिर्फ ज्ञानवापी में हो रहा है, काशी विश्वनाथ में नहीं?
CJ ने मुस्लिम पक्ष के वकील से महिला याचिकाकर्ताओं की याचिका पढ़ने को कहा
मुस्लिम पक्ष : सर्वे का आदेश सिर्फ ज्ञानवापी के लिए है. मंदिर के लिए जो रास्ता जा रहा है, उसी के बीच मस्जिद है
मुस्लिम पक्ष: हिंदू पक्ष की याचिका के हिसाब से महिला याचिकाकर्ताओं ने विरोधाभासी बयान दिया है.
पहले पैराग्राफ में हिंदू पक्ष कहता है कि उनके पास सबूत मौजूद हैं. आखिरी पैराग्राफ में कहता है कि एएसआई को सबूत इकट्ठे करने चाहिए.
कोर्ट ने पूछा कि अगर हिंदू पक्ष सबूत जुटाना चाहता है और कोर्ट इसकी इजाजत देता है तो इसमें समस्या क्या है? अगर इस स्टेज पर भी सबूत इकट्ठे हो जाएं तो क्या नुकसान होगा?
मुस्लिम पक्ष ने जवाब दिया कि हिंदू पक्ष के पास अभी तक कोई सबूत नहीं है.
हिंदू पक्ष – विष्णु जैन : हम बिल्डिंग में कोई खुदाई नहीं करेंगे. खाली पड़े हिस्से में खुदाई होगी
जज ने पूछा कि क्या खुदाई जरूरी है?
विष्णु : हां लेकिन मस्जिद के अंदर नहीं. ASI रडार मैपिंग करेगा. खुदाई की जरूरत परिस्थिति के हिसाब से ही होगी, वो भी अंतिम चरण में.
कोर्ट ने पूछा कि आपने ASI को पार्टी क्यों नहीं बनाया जबकि आप बार-बार इसका संदर्भ दे रहे हैं.
विष्णु: एक्सपर्ट का काम ओपिनियन देना होता है. बाद में उसका कोई अधिकार नहीं रह जाता है.
कोर्ट ने पूछा कि एएसआई का कानूनी मत क्या है सर्वे को लेकर
विष्णु : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एएसआई देश की सर्वोच्च सर्वे एजेंसी है और उसके ऊपर संदेह नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को जिला अदालत में दाखिल जवाब को सामने रखने को कहा
मुस्लिम पक्ष अब जिला अदालत में हिंदू पक्ष की याचिका को दिए गए जवाब को पढ़ रहे हैं
कोर्ट ने विष्णु जैन और एडवोकेट जनरल से पूछा कि खुदाई का क्या मतलब होगा. जैन ने कहा कि खुदाई करके हम ट्रेंच बनाएंगे.
कोर्ट टिप्पणी : न ही याचिका में न आदेश में कहीं लिखा है कि एएसआई द्वारा सर्वे कैसे किया जाएगा
विष्णु जैन ने ऑर्डर पढ़ना शुरू किया, जिसमें जिला अदालत ने कहा है कि ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए
विष्णु : एक खाली पड़ा इलाका है, जिसे तथाकथित मस्जिद की पश्चिमी दीवार कहा जा रहा है
कोर्ट ने कहा कि भले ही आप कह रहे आप मशीन का इस्तेमाल करेंगे, लेकिन एक्सकेवेशन का मतलब खुदाई ही होता है
विष्णु जैन ने समझते हुए कहा कि मंदिर के गेट नंबर 4 से मस्जिद के बीच एक खाली इलाका है
कोर्ट ने कहा कि आप या तो वीडियोग्राफी कराएं या बयान दर्ज कराएं कि मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा
विष्णु जैन ने इस पर सहमति दर्ज कराई. बयान दर्ज
कोर्ट ने फिर पूछा कि आप मस्जिद को किसी तरह से भी नुकसान नहीं पहुंचाएंगे,
विष्णु : हामी भरी
विष्णु ने कोर्ट के सामने सुझाव रखा
कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष सहमत नहीं
मुस्लिम याचिका में साफ है कि तीन डोम के नीचे खुदाई होनी है. हमे हिंदू पक्ष की बात पर भरोसा नहीं
कोर्ट की बड़ी टिप्पणी:
जब आपको किसी पर भरोसा नहीं तो आप हमारे आदेश पर कैसे भरोसा करेंगे? आपका मानना है भरोसे के बाद भी नुकसान पहुंचाया जाएगा
कोर्ट ने फिर कहा कि हम कुछ भी आदेश पास करें, उसे हिंदू पक्ष और एएसआई नहीं मानेगा?
मुस्लिम: एएसआई के पास सर्वे करने का मैकेनिज्म नहीं है. हिंदू पक्ष का खुदाई पर जोर
कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को डिक्शनरी देकर एक्जकेवेशन का मतलब पढ़ने को कहा
मुस्लिम : इसका मतलब वो गहराई तक खुदाई करेंगे
कोर्ट ने पूछा कि क्या बिल्डिंग गिर सकती है?
मुस्लिम : हां ढांचा हजार साल पुराना, सिर्फ याचिका की मांग पर आदेश दिया गया, कोई सबूत नहीं.
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