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यह ड्रामा कंपनी है… वक्फ विवाद पर जेपीसी अध्यक्ष के कर्नाटक दौरे पर बोले डीके शिवकुमार



<p style="text-align: justify;">कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने गुरुवार (7 नवंबर, 2024) को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के राज्य के दौरे को ड्रामा कंपनी का दौरा करार दिया और इसे राजनीति से प्रेरित बताया.</p>
<p style="text-align: justify;">न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार शिवकुमार ने कहा कि पाल ने यह दौरा राज्य में होने वाले उपचुनाव और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया है. कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार ने जेपीसी अध्यक्ष पर राजनीतिक दुष्प्रचार में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कोई संयुक्त संसदीय समिति नहीं है जो दौरा कर रही है, क्योंकि केवल भाजपा के सदस्य ही आए हैं और राजनीति कर रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">जगदंबिका पाल हुबली, विजयपुरा और बेलगावी का दौरा कर रहे हैं और इस दौरान वे किसानों और विभिन्न संगठनों के सदस्यों से मिलेंगे जिनकी जमीन पर राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा दावा किया जा रहा है. बेंगलुरु दक्षिण के सांसद और जेपीसी सदस्य तेजस्वी सूर्या उनके साथ हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">शिवकुमार ने कहा, ‘यह एक ड्रामा कंपनी है. जेपीसी का मतलब है कि सभी सदस्यों को आना होगा, सरकारों और अधिकारियों को भी सूचित करना होगा… केवल अध्यक्ष ही आए हैं. वह एक अन्य सांसद के साथ पार्टी के काम से आए हैं.’ उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘क्या बोम्मई (सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई) जेपीसी के सदस्य हैं या वी सोमन्ना सदस्य हैं? सोमन्ना केंद्रीय मंत्री हैं, वह जेपीसी का हिस्सा नहीं हो सकते. वह (अध्यक्ष) अर्जी लेने आए हैं और राजनीतिक प्रचार कर रहे हैं.’ बोम्मई और सोमन्ना दोनों ने दिन में पाल से मुलाकात की थी.</p>
<p style="text-align: justify;">विजयपुरा जिले के किसानों के एक वर्ग ने आरोप लगाया था कि उनकी जमीन को वक्फ की संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है और बाद में कुछ अन्य जगहों से भी इसी तरह के आरोप सामने आए. इसी तरह के आरोप कुछ संगठनों और मठों जैसी धार्मिक संस्थाओं ने भी लगाए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">विवाद बढ़ने पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को जारी किए गए सभी नोटिस तुरंत रद्द कर दिए जाएं और बिना उचित सूचना के भूमि अभिलेखों में किए गए किसी भी अनधिकृत संशोधन को भी निरस्त कर दिया जाए. गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भी कहा, ‘ऐसा नहीं लगता कि जेपीसी समिति के रूप में कोई दौरा कर रहा है, क्योंकि अध्यक्ष नियमों की अनदेखी करते हुए अकेले दौरा कर रहे हैं. यह राजनीति से प्रेरित दौरा प्रतीत होता है.'</p>
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