सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया NCLAT का फैसला, दिया जेट एयरवेज के लिक्विडेशन का आदेश
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने जेट एयरवेज के लिक्विडेशन का आदेश दिया है. लिक्विडेशन प्रक्रिया में दिवालिया हो चुकी कंपनी को बंद कर उसकी संपत्तियों को कर्ज़दाताओं में बांट दिया जाता है. NCLAT ने जालान-कार्लोक कंसोर्टियम (JKC) नाम की कंपनी को जेट एयरवेज चलाने के लिए कहा था. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत जेट के दूसरे कर्जदाता इसका विरोध कर रहे थे.
वित्तीय संकट का सामना कर रहे जेट एयरवेज पर 7,500 करोड़ से ऊपर का कर्ज था. कंपनी ने 2019 में NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में दिवालिया की अर्जी दी. इसके बाद जेट एयरवेज को चलाने के लिए बोली लगी थी. JKC ने इसके जरिए जेट एयरवेज पर मालिकाना हक पाया, जिसे NCLT ने मान लिया. इस साल मार्च में NCLAT (नेशनल कंपनी लॉ एपिलेट ट्रिब्यूनल) ने भी इसकी मंजूरी दी थी.
कर्जदाताओं ने NCLAT के आदेश को बताया था गलत
NCLAT के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कर्जदाताओं का कहना था कि JKC जेट एयरवेज को चलाने के योग्य नहीं है. उसने रिसोल्यूशन प्लान के तहत तय 350 करोड़ रुपए का शुरुआती भुगतान भी बैंकों को नहीं किया है. वह फ्लाइट ऑपरेशन शुरू करने के लिए ज़रूरी मंजूरी भी हासिल नहीं कर पाया है. JKC को जेट का मालिकाना हक देने का NCLT और NCLAT का आदेश गलत है.
‘नहीं देना चाहते हैं मौका’
इसके जवाब में JKC ने कहा था कि बैंक सिर्फ अपना मुनाफा देख रहे हैं. उन्हें जेट का लिक्विडेशन कर देने में अपने लिए अधिक आमदनी की उम्मीद है. वह JKC को जेट एयरवेज चलाने का मौका ही नहीं देना चाहते. जेट एयरवेज का दोबारा चालू होना भारत के सिविल एविएशन सेक्टर के लिए अच्छा रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच की तरफ से जस्टिस जे बी पारडीवाला ने फैसला पढ़ा. उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज का नियंत्रण JKC को सौंपने की प्रक्रिया में भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड (Insolvency and Bankruptcy Code) का उल्लंघन हुआ है. JKC की तरफ से कुछ रकम के भुगतान के आधार पर PBG (परफॉर्मेंस बैंक गारंटी) में ढील नहीं दी जा सकती थी. उन्होंने कहा कि कर्जदाताओं की रकम सुरक्षित करने के लिए जेट एयरवेज का लिक्विडेशन ही सही होगा.
फैसले के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जेट एयरवेज के लिक्विडेशन का आदेश दे दिया. कोर्ट ने NCLAT से इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लिक्विडेटर नियुक्त करने के लिए कहा है.