Fashion

Bihar Assembly by poll total 38 candidates contest the election After withdrawal of nominations


38 Candidates Contest The Election: बिहार के तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज विधानसभा सीटों पर अगले महीने होने वाले उपचुनाव के लिए बुधवार को उम्मीदवार के नाम वापसी लेने का दिन था. नाम वापसी के बाद कुल 38 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं.

50 उम्मीदवारों ने भरा था नामांकन पत्र

निर्वाचन आयोग के एक बयान के अनुसार इन सीटों के लिए 25 अक्टूबर तक नौ महिलाओं सहित कुल 50 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए थे, जिनमें से छह को जांच के दौरान खारिज कर दिया गया और इतनी ही संख्या में उम्मीदवारों ने चुनाव से नाम वापस ले लिया है.

नाम वापसी के बाद इन चार निर्वाचन क्षेत्रों में से गया जिले के बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 14 उम्मीदवार चुनावी मैदान में डटे हुए हैं, जिनमें प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के विश्वनाथ कुमार सिंह भी शामिल हैं, जो पड़ोसी जिला जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव के बेटे हैं.

बेलागंज से विधायक रहे सुरेंद्र यादव के जहानाबाद से लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी है. बेलागंज में विश्वनाथ कुमार सिंह की मुख्य प्रतिद्वंद्वी प्रदेश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की मनोरमा देवी हैंस जो पूर्व एमएलसी हैं. जबकि चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के मोहम्मद अमजद और हैदराबाद के सांसद औवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के मोहम्मद जमीन अली हसन भी चुनावी मैदान में डटे हुए हैं.

इन चार सीटों में से सबसे कम पांच उम्मीदवार रामगढ़ में हैं, जहां राजद की राज्य इकाई के प्रमुख जगदानंद सिंह के बेटे अजीत कुमार सिंह अपने भाई सुधाकर के बक्सर से लोकसभा के लिए चुने जाने पर इस सीट के खाली होने पर उसे बरकरार रखने के लिए चुनावी मैदान में डटे हुए हैंं. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने रामगढ़ में अशोक कुमार सिंह पर अपना भरोसा जताया है, जिन्होंने 2015 में यह सीट जीती थी पर पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने सतीश कुमार सिंह यादव को इस बार टिकट दिया है, जबकि जन सुराज ने सुशील कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है. इमामगंज की आरक्षित सीट पर केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने अपने बेटे और राज्य मंत्री संतोष सुमन की पत्नी दीपा कुमारी को मैदान में उतारा है. गया लोकसभा सीट से मांझी के चुनाव लड़ने से खाली हुई इस सीट को बरकरार रखने की चुनौती आरजेडी के रौशन मांझी से मिल रही है, जो जिला परिषद के पूर्व सदस्य हैं.

तरारी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी के राजू यादव अपनी पार्टी की इस सीट को बरकरार रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं, जो पार्टी विधायक सुदामा प्रसाद के आरा से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है. यादव के मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के नवोदित उम्मीदवार विशाल प्रशांत हैं, जो कई बार विधायक रह चुके सुनील पांडे के बेटे हैं और 2020 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए उपविजेता रहे थे.

तरारी में राजू यादव नाम के दो उम्मीदवार

जन सुराज ने इस सीट से पहले पूर्व उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल श्री कृष्ण सिंह को चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा की थी, लेकिन उनके तकनीकी कारणों से हटने पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता किरण सिंह को मैदान में उतारा है. दिलचस्प बात यह है कि इस सीट से भाकपा-माले उम्मीदवार के एक अन्य हमनाम राजू यादव के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने ने वामपंथी पार्टी प्रत्याशी के लिए जीत के रास्ते को जटिल बना दिया है.

ये भी पढ़ें: Bihar News: महागठबंधन के साथी मुकेश सहनी ने दी बिहार में योगी मॉडल लाने की सलाह, क्या है वजह? जानें



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *