What Government Do To Aadhar Card Data After Deaths, Know What Govt Do To Data
अदूर ने सवाल किया …
क्या इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
(क) क्या मृत व्यक्ति के आधार को निष्क्रिय करने का कोई प्रावधान है;
(ख) यदि हो, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं;
(ग) क्या भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते समय मृतक के आधार को निष्क्रिय करने पर विचार किया है;
घ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस प्रावधान को कब तक कार्यान्वित कर दिया जाएगा
ड) वर्तमान में आधार धारक जनसंख्या की प्रतिशतता का राज्य/संघ राज्यक्षेत्र-वार ब्यौरा क्या है;
(च) क्या सरकार की कोई योजना जनगणना के लिए आधार आंकड़ों का उपयोग करने की है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जवाब में संसद में प्रश्न का क्रमवार जवाब दिया.
क): जी ,नहीं।
(ख): वर्तमान में, जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त रजिस्ट्रारों से जन्म और मृत्यु के पंजीकरण अधिनियम, 1969 के प्रावधानों के तहत आधार को निष्क्रिय करने के लिए मृत व्यक्तियों की आधार संख्या प्राप्त करने के लिए कोई तंत्र नहीं है,
(ग) और (ड): उक्त अधिनियम के तहत राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त रजिस्ट्रार अपने-अपने स्थानीय क्षेत्रों में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण करते हैं. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने अवगत कराया है कि भारत के महापंजीयक ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते समय एक मृत व्यक्ति की आधार संख्या को जानने के संबंध में, आधार को निष्क्रिय करने के लिए प्राधिकरण के साथ रजिस्ट्रार द्वारा बाद में आधार संख्या साझा करने के लिए जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के मसौदा संशोधनों पर प्राधिकरण के सुझाव मांगे थे.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण भारत के सभी निवासियों के संबंध में डिजिटल पहचान ,’. (आधार) और डिजिटल प्रमाणीकरण सेवाएं प्रदान करता है. प्राधिकरण ने सूचित किया है कि 28.2.2023 तक, उसके द्वारा 136 करोड़ से अधिक आधार संख्या जारी की जा चुकी है और मृत्यु की अनुमानित संख्या को समायोजित करने के बाद, जीवित आधार संख्या धारकों की अनुमानित संख्या 130.2 करोड़ है, जो कि अधिक है 2022 के लिए कुल अनुमानित जनसंख्या का 94% है. इसका राज्य और संघ राज्य क्षेत्र-वार विवरण अनुबंध में दिया गया है.
(च): भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय ने सूचित किया है कि जनगणना के लिए आधार डेटा का उपयोग करने की कोई योजना नहीं है.
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