Shahabuddin Son Osama Shahab Will Join RJD Hena Shahab Tejashwi Yadav Lalu Prasad Yadav ANN
Osama Shahab Will Join RJD: पूर्व सांसद और आरजेडी के बाहुबली दिवंगत नेता रहे शहाबुद्दीन (Shahabuddin) के बेटे ओसामा शहाब रविवार (27 अक्टूबर) को लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. रविवार को पटना में वह आरजेडी का दामन थामेंगे. उनके साथ उनकी मां हिना शहाब (Hena Shahab) भी रहेंगी.
2025 में बिहार में विधानसभा का चुनाव है. उससे पहले पार्टी में ओसामा के शामिल होने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या 2025 में टिकट देने की तैयारी हो रही है? क्या 2025 में वे विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे? क्या लालू ने बड़ा खेल कर दिया है? सियासी गलियारे में इस तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
दोनों परिवार के बीच दिख रही थी दूरी
राजनीति में कब कौन किसके करीब आ जाए कोई नहीं जानता. लालू प्रसाद यादव और दिवंगत नेता शहाबुद्दीन के बीच की जो रिश्ते थे वह जगजाहिर है. हाल के समय में पारिवारिक और राजनीतिक तौर पर दोनों ही परिवारों में काफी दूरियां हो गई थी. बागी तेवर अपना कर दिवंगत नेता शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने 2024 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ीं. हालांकि हार गई थीं. अब खबर है कि दोनों परिवारों के बीच जो दूरियां थीं वह कम हो चुकी हैं.
तेजस्वी यादव दिलाएंगे पार्टी की सदस्यता
रविवार को पटना में 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास में तेजस्वी यादव खुद ओसामा शहाब को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे. रविवार की सुबह 10:45 बजे एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया है. इसे तेजस्वी यादव संबोधित करेंगे. अब देखना होगा कि पार्टी की सदस्यता दिलाने के बाद क्या 2025 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ओसामा को मौका देती है या नहीं.
बता दें कि बिहार में इन दिनों मुस्लिम वोट बैंक को लेकर खूब सियासत हो रही है. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भी पार्टी बनाई है. उन्होंने ऐलान किया है कि मुस्लिमों को हक के अनुसार मौका दिया जाएगा. दूसरी ओर चर्चा है कि मुस्लिम वोटर का एक वर्ग तेजस्वी यादव से छटक रहा है. ऐसे में अब ओसामा शहाब का राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होना बताता है कि तेजस्वी यादव अपने कोर वोटर एमवाई समीकरण को छटकने नहीं देना चाहते हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव में दोनों परिवारों में काफी तल्खी दिखी थी. चर्चा तेज थी कि आरजेडी की ओर से हिना शहाब को लोकसभा का टिकट दिया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय ही मैदान में उतरने का फैसला लिया था. अब देखना होगा कि पार्टी में शामिल कराने के बाद ओसामा शहाब को कितनी तवज्जो दी जाती है.
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