Mahakumbh 2024 claim for formation of news akhara established Akharas expressed objection ann
Mahakumbh 2024: जूना अखाड़े के संत गोल्डन गिरि व कुछ अन्य संतों ने प्रयागराज महाकुंभ से पहले गुरु दत्त नाम से एक अलग अखाड़ा बनाए जाने की शुरुआत की है. इस कदम को लेकर पहले से स्थापित तेरह अखाड़ों और अखाड़ा परिषद ने कड़ा ऐतराज जताया है. कहा है कि निजी स्वार्थ के चलते कुछ लोग इस तरह का कदम उठा रहे हैं. ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखी जाएगी. यह लोग तमाम संतों के नाम का दुरुपयोग भी कर रहे हैं. इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है.
प्रयागराज में अग्नि अखाड़े के महंत स्वामी वीरेंद्रानंद का नाम भी नवगठित हो रहे गुरुदत्त अखाड़े के साथ जोड़ा जा रहा था. उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने की बात सामने आई थी. उन्होंने सिरे से इसका खंडन किया है. उनका कहना है कि अलग-अलग परंपराओं के 13 अखाड़े पहले से ही हैं. ऐसे में किसी ने अखाड़े की कोई जरूरत नहीं है. जो भी लोग यह कदम उठा रहे हैं, वह निजी फायदे के लिए अखाड़ों की परंपरा और सनातन को कमजोर करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि उनके नाम को लेकर जो दुरुपयोग किया गया है उसे लेकर कार्रवाई के लिए उन्होंने पुलिस और प्रशासन के तमाम लोगों को शिकायती पत्र दे दिया है.
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क्या बोले अखाड़े के संस्थापक
संगम नगरी प्रयागराज में शनिवार को श्री पंच दशनाम गुरुदत्त अखाड़े का पट्टाभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया गया. संगम किनारे स्थित तिलक नगर में आयोजित कार्यक्रम में तेरह संतों का पट्टाभिषेक किया गया. इस मौके पर देशभर से आए संत महात्माओं ने चादरपोशी की रस्म अदा की. अखाड़े के संस्थापक गोल्डन गिरि का कहना है कि उनका अखाड़ा किसी के विरोध में नहीं है और ना ही उनका किसी से कोई मतभेद है.
गुरुदत्त अखाड़े का गठन इसलिए किया गया है ताकि जिन संत महात्माओं को पहले से स्थापित अखाड़े में उचित मान सम्मान नहीं मिल पाता, उनकी उपेक्षा होती है, उन्हें सम्मान दिया जा सके. ताकि वह और सक्रियता के साथ सनातन धर्म का विस्तार और प्रचार प्रसार कर सकें. महंत गोल्डन गिरि के मुताबिक प्रयागराज महाकुंभ में इस अखाड़े का और विस्तार किया जाएगा. इसके साथ ही यहां भव्य कार्यक्रम भी आयोजित होगा, जिसमें पूरे महाकुंभ के दौरान लगातार देशभर से संत महात्मा आकर धर्म और अध्यात्म की गंगा बहाएंगे. प्रयागराज में शनिवार को हुए कार्यक्रम में महिला संतों का भी पट्टाभिषेक किया गया है.