Nimrat Kaur Father Martyr Major Bhupender Singh statue Inauguration in Sri Ganganagar Rajasthan
Rajasthan News: बॉलीवुड अभिनेत्री निम्रत कौर के पिता शौर्य चक्र विजेता शहीद मेजर भूपेंद्र सिंह के 72वें जन्मदिन के मौके पर शुक्रवार (25 अक्टूबर) राजस्थान के श्रीगंगानगर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया. प्रतिमा का निर्माण भारतीय सेना की ओर से करवाया गया है. इस दौरान उनकी बेटी अभिनेत्री निम्रत कौर, उनकी बहन रुबीना और पत्नी अविनाश कौर उपस्थित रहीं.
शहीद मेजर भूपेंद्र सिंह साल 1994 में जम्मू-कश्मीर के वैरीनाग में पद स्थापित थे. उन्हें पहलगाम रोड पर पुलों के निर्माण का कार्य सौंपा गया था. इस दौरान जनवरी 1994 में एक आतंकी संगठन ने उनका अपहरण कर लिया और वे शहीद हो गए थे.
शहीद मेजर भूपेंद्र सिंह की प्रतिमा श्रीगंगानगर के मध्य क्षेत्र में एक सार्वजनिक चौराहे पर बनाया गया है, जिसे अब मेजर भूपेंद्र सिंह चौक नाम दिया गया है. इस मौके पर भारतीय सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों, स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधियों और आस-पास के गांवों के लोगों के साथ-साथ कार्रवाई में मारे गए 12 अन्य सैनिकों के परिवार भी मौजूद थे.
शहीद सैनिकों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाना चाहिए- निम्रत
इस मौके पर बॉलीवुड अभिनेत्री निम्रत कौर ने शहीद सैनिकों के परिवारों को भारतीय सेना से काफी सहारा मिलता है. निम्रत ने बताया, श्रीगंगानगर उनके पिता की जन्मस्थली है. ऐसे में उनके पिता को मिला यह सम्मान उनके लिए और भी खास है. उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा के माध्यम से उनके पिता की यादें सदैव जीवित रहेंगी. अब वे श्रीगंगानगर आने का सिलसिला शुरू करेंगी. निम्रत ने कहा कि शहीद सैनिकों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाना चाहिए.
Today, on my father’s 72nd Birth Anniversary, a long term dream for our family came true by inaugurating a war memorial created dedicated to him and 12 other gallant martyrs all hailing from Papa’s hometown Sri Ganganagar, Rajasthan. May the supreme sacrifice of all these… pic.twitter.com/2YRFwXlDtZ
— Nimrat Kaur (@NimratOfficial) October 25, 2024
अभिनेत्री निम्रत ने बताया कि उनके पिता मेहनती थे और किसान परिवार से होने के नाते खेती भी करते थे. खुद परिश्रम कर पढ़ाई की और फौज में भर्ती हुए. शहीद मेजर भूपेंद्र सिंह की पत्नी अविनाश कौर ने कहा कि जब वे शहीद हुए, तब निम्रत मात्र 11 साल की थी, लेकिन सेना ने उनके परिवार का पूरा ख्याल रखा. समय के साथ वे अपने माता-पिता के पास नोएडा चली गई और जीवन को फिर से सहेजने का प्रयास किया.