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India China Relations Foreign Secretary Vikram Misri Reply On ABP News Question Now China Can Be Trusted By India ann


India China Border Row: रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स समिट 2024 के लिए आज बुधवार (23 अक्टूबर) का दिन बेहद अहम रहा. 2020 में गलवान झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पहली बार मुलाकात हुई. इस द्विपक्षीय बैठक में सीमा सुरक्षा सहित तमाम मुद्दों को लेकर बातचीत हुई. पीएम मोदी ने कहा कि एक दूसरे का भरोसा, सम्मान और संवेदनशीलता संबंधों को आगे का रास्ता दिखाएगी.

इन सब के बीच एक सवाल सभी के मन में कौंध रहा है कि 1962 से ड्रैगन लगातार भरोसा को तार-तार करता आया है ऐसे में एक बार फिर से चीन पर भरोसा किया जा सकता है. यही सवाल एबीपी न्यूज ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी से पूछा कि क्या यह माना जाया कि अब भारत और चीन के रिश्ते सामान्य हो गए और क्या चीन पर भरोसा किया जा सकता है?

जानिए विदेश सचिव ने क्या दिया जवाब?

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, “पिछले दो दिन में जो कदम हमने उठाए हैं, इन पर काम काफ़ी समय से चल रहा है, सामान्य रिश्ते बनाने की प्रक्रिया की यात्रा चल पड़ी है. जो पीछे समझौता हुआ है, अब रास्ता खुल गया है. जहां तक विश्वास का सवाल है, हम दोनों के बीच जो प्रकिया होगी, उससे दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ेगा.”

क्या एलएसी पर हालात होंगे सामान्य?

विदेश सचिव ने कहा कि हम उम्मीद तो कर रहे हैं कि एलएसी पर हालात सुधरेंगे. हमारे पास विश्वास निर्माण उपाय नहीं है ये समय के साथ लगातार विकसित होता है. ये एक ऐसा विषय है जिसके बारे में दोनों ही देशों में चर्चा की जाएगी. बाकी की चीज तो सीमा पर तैनात सैन्य नेतृत्व ही सैन्य स्थिति के बारे में सही चीज बता पाएगा क्योंकि ये ऑपरेशनल मामलों से संबंधित है.

पीएम मोदी ने क्या कहा?

द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “आपसे मिलकर मुझे खुशी हुई और जैसा कि आपने बताया, यह पांच साल बाद हमारे बीच औपचारिक मुलाकात है. मेरा मानना ​​है कि भारत-चीन संबंधों का महत्व सिर्फ हमारे दोनों देशों के नागरिकों के लिए ही नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व के लिए शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है.”

उन्होंने आगे कहा, “महामहिम, हम पिछले 4 सालों में सीमा पर उत्पन्न मुद्दों पर बनी आम सहमति का स्वागत करते हैं. हमारी प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि हमारी सीमा पर शांति और स्थिरता बनी रहे. आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार होनी चाहिए. आज हमें इन सभी मुद्दों पर बात करने का अवसर मिला है और मुझे विश्वास है कि हम खुले दिमाग से ये बातचीत करेंगे और आगे चलकर हमारी बातचीत रचनात्मक होगी.”    

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