Bahraich Violence Update local Hindus and Muslims eyewitnesses told the story of violence ann
Bahraich Violence Update: बहराइच के महाराजगंज क़स्बे में दुर्गा विसर्जन की शोभायात्रा के दौरान हुई झड़प में एक युवक रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जिसके बाद पूरे इलाके में हिंसा भड़क गई. इस दौरान कई घरों, दुकानों में आगजनी हुई और माहौल बहुत तनावपूर्ण हो गया. जिसके बाद हालात को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है. पुलिस ने रामगोपाल हत्याकांड के छह आरोपियों समेत दोनों पक्षों से 87 लोगों को गिरफ्तार किया है.
बहराइच हिंसा को लेकर जमकर सियासत भी देखने को मिल रही है. जिसके बाद दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इस बीच महसी के महाराजगंज में 13 अक्टूबर को आखिर क्या हुआ था? क्यों दुर्गा विसर्जन की यात्रा पर पथराव हुआ, इसके पीछे की असल वजह क्या थी? इसे लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई हैं. चश्मदीदों ने एबीपी से बातचीत में बताया कि असल में उस दिन क्या हुआ था.
चश्मदीदों की जुबानी उस दिन की कहानी
एबीपी न्यूज ने जब हिंसा की वजह जानने के लिए इलाके में रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों से बात की तो चश्मदीदों ने बताया कि उस दिन दुर्गा विसर्जन यात्रा के दौरान डीजे पर आपत्तिजनक गाने बज रहे हैं जिसमें हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश की जा रही थी. जब हमने मना किया तो एक लड़का अब्दुल हमीद के घर पर चढ़ गया और हमारे धार्मिक झंडे को उतार दिया.
उन्होंने कहा कि झंडा उतारने के बाद वहां पथराव शुरू हो गया. जिसका खामियाजा हम आज तक भुगत रहे हैं. इस घटना को एक हफ्ता होने जा रहा है लेकिन अब भी यहां डर का माहौल है. लोगों के पास खाने-पीने को कुछ भी नहीं है और हम हर तरीके से परेशान हैं.
हिन्दू पक्ष का दावा पहले मूर्ति खंडित की गई
दूसरी तरफ इस हिंसा को लेकर हिंदू पक्ष ने अलग दावा किया है. उनका कहना है कि गानों में कोई दिक्कत नहीं थी. हम गाने बजाकर दुर्गा विसर्जन यात्रा निकाल रहे थे, लेकिन उन्हें हमारे धर्म से दिक्कत है. कुछ दिन पहले बारावफात के समय उन्होंने (मुस्लिम समुदाय) पूरी सड़क को अपने झंडों से सजा रखा था. जब हमारा पर्व आया और जब हमने अपने झंडों से पूरी सड़क को सजाया तो उन्हें इस बात पर आपत्ति हो गई.
हिन्दू पक्ष के चश्मदीदों ने दावा किया कि दूसरे पक्ष की ओर से पहले पत्थर चला कर हमारी मूर्तियों को खंडित किया. हम जिसको पूजते हैं उसको खंडित होते हुए कैसे देख सकते हैं. मूर्तियां जब खंडित हुई तभी प्रतिशोध में रामगोपाल छत पर चढ़ा और जाकर झंडा उतारा. लोग ये कह रहे हैं झंडा उतरना बहुत ठीक नहीं थ लेकिन, ये क्रिया की प्रतिक्रिया थी.
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