Canadian National Security Expert questioned on Justin Trudeau Why allegation made public on india
Canada India Relation: भारत-कनाडा संबंधों में कड़वाहट के बीच वहां के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने का एक बड़ा कुबूलनामा सामने आया था. उन्होंने कहा था कि निज्जर हत्या मामले में कनाडा ने भारत को जरूरी सबूत नहीं दिए थे. अब इस मामले को लेकर कनाडाई राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ जो एडम जॉर्ज ने अपने ही पीएम जस्टिन ट्रूडो पर सवाल खड़े किए हैं.
‘आखिर भारत पर आरोप लगाने जरूरत ही क्या थी’
कनाडाई राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ एडम जॉर्ज ने कहा, “जस्टिन ट्रूडो का यह स्वीकार करना कि उन्होंने उस समय भारत के साथ ठोस सबूत शेयर नहीं किए, ये काफी दिलचस्प था. यह सिर्फ दिखाने के लिए जाता है सवाल यह है कि इस आरोप को सार्वजनिक करना ही क्यों था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कनाडा ने भारत के साथ और सबूत शेयर किए हैं या नहीं, मुझे लगता है कि अब समय ही सब कुछ बताएगा.”
इससे पहले कनाडा के पीएम ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके बाद भारत ने सख्ती दिखाते हुए इन आरोपों को बेतुका बताते हुए इसे ट्रूडो का राजनीतिक हथकंडा बताया था. जस्टिन ट्रूडो ने कहा, कनाडा और उसके सहयोगियों से मिली खुफिया जानकारी से पता चला कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि समय कोई ठोस सबूत नहीं था.
#WATCH | Ottawa, Canada: On Canadian PM Justin Trudeau’s testimony, Canadian National Security Expert, Joe Adam George says, “…Him admitting that he did not exactly share hard evidentiary proof with India at that time, at least, was rather interesting. It just goes to show… pic.twitter.com/HDFlxbTL1F
— ANI (@ANI) October 18, 2024
ट्रूडो का आरोपों का भारत ने दिया जवाब
जस्टिन ट्रूडो ने कहा, “भारत से कहा कि यह पक्का सबूत नहीं है, बल्कि सिर्फ खुफिया जानकारी थी. हम चाहते थे कि पर्दे के पीछे भारत हमारा सहयोग करे. इस समय कोई ठोस सबूत नहीं था.” इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (17 अक्टूबर 2024) को सख्ती दिखाई.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “सितंबर 2023 के बाद से कनाडा की सरकार ने भारत के साथ कोई जानकारी साझा नहीं किया. जस्टिन ट्रूडो ने गंभीर आरोप जरूर लगाया, लेकिन कोई जानकारी साझा नहीं की गई. हमको हमारे राजनायिकों की सुरक्षा की चिंता है और उसी को ध्यान में रखते हुए हमने अपने राजनायिकों को भारत वापस बुला लिया.”
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