CBI files chargesheet against Karti Chidambaram in Chinese Visa corruption case
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ 2011 में एक बिजली कंपनी के लिए चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में कथित रिश्वतखोरी के संबंध में आरोप पत्र दायर किया है. उस समय उनके पिता पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे. अधिकारियों ने गुरुवार (17 अक्टूबर, 2024) को बताया कि यहां एक विशेष अदालत के समक्ष पेश अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने शिवगंगा लोकसभा सीट से सांसद कार्ति चिदंबरम, उनके कथित करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन, वेदांता की सहायक कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) और मुंबई स्थित बेल टूल्स का नाम लिया है, जिसके जरिए कथित तौर पर रिश्वत दी गई थी.
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि आरोप-पत्र में शामिल अन्य आरोपियों में वी. मेहता, अनूप अग्रवाल, मंसूर सिद्दीकी और चेतन श्रीवास्तव शामिल हैं.
सीबीआई ने 2022 में दर्ज अपनी प्राथमिकी में दो साल की जांच के बाद आरोप पत्र दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पंजाब स्थित टीएसपीएल 1980 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र स्थापित कर रही थी और यह काम चीनी कंपनी ‘शेडोंग इलेक्ट्रिक पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्प’ (एसईपीसीओ) को सौंपा गया था.
परियोजना के काम में अपने निर्धारित समय से विलंब हो रहा था और कंपनी पर कथित तौर पर जुर्माना लगने की आशंका थी. सीबीआई ने 2022 में एक बयान में कहा था, ‘विलंब के लिए दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए, मानसा की उक्त निजी कंपनी (टीएसपीएल) जिला मानसा (पंजाब) में अपनी परियोजना के लिए अधिक से अधिक चीनी व्यक्तियों और पेशेवरों को लाने की कोशिश कर रही थी और इसके लिए उसे गृह मंत्रालय द्वारा लगाई गई सीमा से अधिक परियोजना वीजा की आवश्यकता थी.’
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि टीएसपीएल के एक अधिकारी ने अपने करीबी सहयोगी भास्कररमन के माध्यम से कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया था.
यह भी पढ़ें:-
भारत उन देशों की भी मदद करता है जिन्होंने कभी उसके खिलाफ युद्ध छेड़ा था, बोले मोहन भागवत