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Who Will be Haryana New CM Face Nayab Singh Saini Anil Vij Rao Indrajit Singh BJP Equation


Haryana CM Face: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने जीत हासिल कर सत्ता में आने की हैट्रिक तो लगा दी है, लेकिन अब बड़ा कदम है विधायक दल का नेता चुनना. इसके लिए बीजेपी आलाकमान ने बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को बड़ी जिम्मेदारी दी है. मुख्यमंत्री के नाम का चुनाव करने के लिए अमित शाह और मोहन यादव को पर्यवेक्षक बनाया है. हरियाणा में बीजेपी ने पहल ही घोषणा कर दी थी कि नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. हालांकि, राज्य की सियासत में दो और सीनियर नेताओं का नाम चर्चा में है.

दरअसल, हरियाणा में चुनाव से पहले बीजेपी के दो और बडे़ नेताओं ने सीएम पद पर दावे की पेशकश की थी. एक ओर पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई थी, तो वहीं सीनियर नेता राव इंद्रजीत सिंह ने भी सीएम पद पर दावेदारी ठोकी थी. हालांकि, अब दोनों ने ही अपने दावे वापस लेते हुए यह कहा है कि बीजेपी नेताओं में सीएम पद को लेकर किसी तरह की कोई अनबन नहीं है. 

अनिल विज ने जताई थी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा
हरियाणा चुनाव के ऐलान से लेकर नतीजे आने तक अनिल विज लगातार कई बार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं. अनिल विज ने कहा था कि वह हरियाणा के सबसे सीनियर नेता हैं और वरिष्ठता के आधार वह मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करेंगे. वहीं, मतगणना के शुरुआती रुझानों में जब बीजेपी कांग्रेस से पीछे चल रही थी, तब भी अनिल विज ने जीत का दावा करते हुए कहा था कि अगर आलाकमान उन्हें सीएम पद के लिए चुनती है तो वह जरूर इस ऑफर को स्वीकार करेंगे. 

हालांकि, अनिल विज ने यह भी कहा था कि बीजेपी आलाकमान का जो भी फैसला होगा, उन्हें मंजूर होगा. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि मुख्यमंत्री नहीं तो क्या बीजेपी अनिल विज को कैबिनेट में जगह देगी?

राव इंद्रजीत सिंह ने इशारों-इशारों में कही थी ये बात
हरियाणा विधानसभा चुनाव की शुरुआत में बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मौके-बे-मौके मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर करते रहे हैं. उन्होंने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में गुरुग्राम का जिक्र करते हुए कहा था कि इस क्षेत्र ने बीजेपी को तीन बार सत्ता दिलाई है, इसलिए पार्टी का फर्ज है कि गुरुग्राम को तवज्जो दे. इसके अलावा, चुनाव प्रचार के दौरान भी राव इंद्रजीत सिंह कई बार सीएम बनने की इच्छा जता चुके थे.

गुरुग्राम सांसद के इस रवैये से ऐसा माना जा रहा था कि वह बगावती सुर अपना रहे हैं. हालांकि, रविवार (13 अक्टूबर) को ही उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ऐसे सभी कयासों पर विराम लगा दिया. उन्होंने लिखा था कि वह और उनके सभी साथी विधायक बीजेपी के साथ मजबूती से खड़े हैं बगावत की सभी खबरें निराधार हैं. 

नायब सिंह सैनी ही प्रमुख चेहरा
ऐसे में अनिल विज और राव इंद्रजीत सिंह के दावे वापस लेने के बाद केवल नायब सिंह सैनी ही सीएम पद के इकलौते दावेदार बन कर सामने आए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में भी सर्वसम्मति से नायब सिंह सैनी का ही नाम चुना जा सकता है. इसके लिए अमित शाह और डॉ. मोहन यादव हरियाणा के विधायकों के साथ बातचीत करेंगे. वहीं, अगर कोई और भी मुख्यमंत्री बनने के लिए दावा पेश करना चाहता है तो उससे बात करेंगे. 

गौरतलब है कि बीजेपी हरियाणा चुनाव से पहले ही नायब सिंह सैनी के नाम का ऐलान कर चुकी थी और सैनी के ही नेतृत्व में इलेक्शन लड़ा गया था. मनोहर लाल खट्टर ने भी यह कंफर्म किया था कि अगर हरियाणा में बीजेपी की जीत होती है तो नायब सैनी ही सत्ता की कमान संभालेंगे.

ओबीसी वोट बैंक को साधने की राजनीति
नायब सिंह सैनी हरियाणा में सैनी जाति से हैं, जिसकी राज्य में अच्छी खासी जनसंख्या है. हरियाणा में सैनी की कुल आबादी 8 फीसदी के आसपास है. कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, हिसार और रेवाड़ी जिलों में यह समुदाय की भारी संख्या में मौजूद है. ऐसे में बीजेपी ने ओबीसी खास कर सैनी वोटबैंक को साधने के लिए भी नायब सैनी के नाम पर मुहर लगाई है. 

इसके अलावा, इस बार हरियाणा के अहिरवाल क्षेत्र ने भी बेजीपी का बहुत साथ दिया है और पिछले चुनाव में खोए हुए दलित (खास कर गैर जाटव) वोट भी बीजेपी को वापस मिले हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी इन दो समुदायों से उप मुख्यमंत्री भी चुन सकती है. 

नायब सैनी ही क्यों हरियाणा सीएम पद के दावेदार?
दरअसल, हरियाणा में बीजेपी की साख बचाने के लिए कई मौकों पर नायब सिंह सैनी ने खुद को साबित किया है. चाहे वो मनोहर लाल खट्टर की कम मिसनसार छवि को सुधारना हो या फिर बीजेपी को गैर जाट वाली छवि को सुधारना हो. नायब सैनी मनोहर लाल खट्टर के करीबी भी माने जाते हैं. वहीं, यह भी माना गया है कि मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में हरियाणा में जो एंटी-इन्कंबेंसी बन रही थी, उसे कम करने का काम भी नायब सिंह सैनी ने किया है. इसलिए चुनाव के बीच में ही बीजेपी ने सीएम पद के लिए उनके नाम का ऐलान कर दिया था. 

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