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karnataka siddaramaiah govt withdraws 2022 hubballi riot case against AIMIM Leader along with 138 people | Hubballi Riot Case: सिद्धारमैया सरकार ने AIMIM के नेताओं पर लगा दंगों का केस लिया वापस, BJP बोली


Karnataka Hubballi Riot Case: कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता मोहम्मद आरिफ और 138 अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने का निर्णय किया है. इन लोगों पर अप्रैल 2022 में हुबली दंगों के दौरान हिंसा भड़काने का भी आरोप लगाया गया था. इसके अलावा इनके ऊपर पुलिस स्टेशन पर हमला करने वाली भीड़ का नेतृत्व करने और पुलिस पर हमला करने की धमकी देने का आरोप भी दायर था.

कर्नाटक सरकार ने जिन 138 लोगों के नाम वापस लिए हैं, उनके खिलाफ हत्या की कोशिश और दंगा जैसे आपराधिक आरोप शामिल थे. हालांकि, अब अभियोजन पक्ष, पुलिस और कानून विभाग की आपत्तियों के बावजूद हटा दिया गया है. बीते साल अक्टूबर 2023 में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को इन मामलों को वापस लेने और आरोपों पर पुनर्विचार करने के लिए लिखा था. शिवकुमार की सिफारिश के बाद गृह विभाग को एफआईआर और गवाहों के बयान सहित प्रासंगिक मामले की जानकारी इकट्ठा करने का काम सौंपा गया था.

भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

मामले को वापस लेने पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. भाजपा ने कांग्रेस पर मुसलमानों को खुश करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. बीजेपी एमएलसी एन रवि कुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. यह आतंकवादियों का समर्थन कर रही है. उनके खिलाफ मामले वापस ले रही है, जबकि किसानों और छात्रों पर मामले लंबित हैं. भारत विरोधी तत्वों पर मामले वापस ले लिए जाएंगे.

कब और क्यों हुआ था हुबली दंगा

हुबली दंगे की आग तब भड़की, जब 2 साल पहले 16 अप्रैल, 2022 को सोशल मीडिया पर एक मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा दिखाने वाली अपमानजनक इमेज पोस्ट की गई थी. इससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया, जिसके कारण ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशन के बाहर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ, जो तेजी से हिंसा में बदल गया. उस समय कथित तौर पर हजारों लोगों ने दंगे में भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप 4 पुलिस अधिकारी घायल हो गए और सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान हुआ.

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