Samajwadi Party president Akhilesh Yadav made strategy to break BSP vote bank
UP Politics: लोकसभा चुनाव में पीडीए फॉर्मूले की बड़ी सफलता के बाद समाजवादी पार्टी लगातार इसे और मजबूत करने में जुटी है. समाजवादी पार्टी की नजर बहुजन समाज पार्टी के वोटबैंक पर हैं. इसके लिए सपा ने बड़े स्तर पर रणनीति तैयार की है. यही नहीं सपा नेताओं को खास जिम्मेदारी दी है ताकि वो दलितों के बीच जाकर उन्हें सपा की रीति और नीति की जानकारी दें.
समाजवादी पार्टी पीडीए को मजबूत बनाने के लिए बूथ स्तर पर काम कर रही है. इसके लिए पार्टी के नेता दलित वोटरों के साथ संपर्क कर रहे हैं. जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उन सीटों पर इस रणनीति के तहत और तेजी से काम किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सपा नेता बूथ स्तर पर दलित मतदाताओं के साथ मेल जोश बढ़ा रहा है.
खास रणनीति के तहत बसपा के वोटबैंक में सेंध
सपा की रणनीति के तहत जिस सीट पर जिस जाति के लोगों की संख्या ज्यादा है वहाँ पर उसी जाति के पदाधिकारी और प्रतिनिधियों को इसकी ज़िम्मेदारी दी गई है. ये लोग ऐसे इलाक़ों में जाकर लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं उन्हें सपा की नीतियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. सपा इस रणनीति पर चुपचाप काम कर रही है.
सपा नेतृत्व ने स्थानीय इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि जिन बूथों पर पिछले दो चुनाव में कम वोट पड़े हैं वहां के जातीय समीकरण को देखते हुए रणनीति बनाई जाए. इन जगहों पर उन सीटों के जातीय समीकरण को देखते हुए ही पदाधिकारियों को तैनात किया जाए.
अखिलेश यादव ने सपा नेताओं को इस बात के ख़ास निर्देश दिए हैं कि वो बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने से परहेज करें और कोई ऐसा बयान न दे जिससे उनके समर्थकों में नाराजगी आए. सपा अध्यक्ष खुद भी अक्सर मायावती को लेकर संभलकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. यही नहीं कई मुद्दों पर वो उनके साथ भी खड़े दिखाई देते हैं.
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