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Arunachal Pradesh POSCO court hands death sentence to former school warden in Arunachal Pradesh for assaulting 21 children


Arunachal Pradesh Latest News: अरुणाचल प्रदेश की एक POCSO अदालत ने शि-योमी जिले में 15 लड़कियों सहित 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में एक सरकारी आवासीय विद्यालय के पूर्व वार्डन को मौत की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश जवेप्लू चाई ने मुख्य आरोपी और स्कूल के पूर्व वार्डन युमकेन बागरा को POCSO अधिनियम की धारा 6, 10 और 12 के तहत दोषी पाए जाने के बाद यह सजा सुनाई. वह 2019 से 2022 के बीच वहां तैनात था.

कैपिटल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रोहित राजबीर सिंह ने कहा कि सह-आरोपी मार्बोम नगोमदिर (एक हिंदी टीचर) और सिंगटुन योरपेन (स्कूल का पूर्व प्रिंसिपल) को आईपीसी की धारा 506 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 17 और 21 (1) के तहत दोषी पाया गया, जबकि योरपेन को पॉक्सो अधिनियम की धारा 17 और 21 (2) के तहत दोषी ठहराया गया.

क्या है मामला

जानकारी के अनुसार, नवंबर 2022 में दो बच्चों के माता-पिता की ओर से एक एफआईआर दर्ज कराई गई. इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई. एसआईटी ने जांच में पाया कि बलात्कार के छह मामले, छेड़छाड़ के नौ मामले और यौन उत्पीड़न के छह अन्य मामले यहां हुए थे. ये आरोप वार्डन पर लगे थे. सभी इन पीड़ितों ने वार्डन और स्कूल के कुछ अन्य स्टाफ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

‘सख्त सजा से मन में आएगा डर’

इस सजा को लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरह के मामलों में ऐसी सख्त सजा से ऐसी सोच वाले दूसरे लोगों में डर पैदा होगा और वह इस तरह की घटना करने से पहले सजा के बारे में जरूर सोचेंगे. पिछले कुछ दिनों में स्कूल में बच्चों से यौन उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं. इनमें भी नाबालिगों को लगातार शिकार बनाया जा रहा है. आरोपी नाबालिगों का यौन उत्पीड़न करने के बाद उन्हें डराते और धमकाते हैं. इस वजह से अधिकतर मामलों में बच्चे चुप्पी साध लेते हैं और मामला सामने नहीं आ पाता.

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