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BJP MP Kangana Ranaut statement on three cancelled farmers bills she asked to bring them back


Kangana Ranaut statement on Farmers Bills: बॉलीवुड एक्टर और हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत एक बार फिर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में हैं. एक बार फिर उन्होंने कृषि कानून पर बयान दिया है और उनके इस बयान ने फिर से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

दरअसल, उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से वापस लिए गए तीनों कृषि कानून को फिर लागू करने की मांग की है. कंगना के इस बयान के बाद पूरा विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी पर हमला बोल रहा है. एक महीने में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब कंगना के बयान ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाई हैं. पार्टी ने पहले की तरह इस बार भी कंगना के बयान से किनारा करते हुए उसे उनकी व्यक्तिगत राय कहा है, लेकिन विपक्ष को केंद्र सरकार पर हमला बोलने का एक मुद्दा मिल गया है. आइए जानते हैं, आखिर कब-कब कंगना के बयान ने पार्टी के लिए समस्या पैदा की है.

कंगना के वो बयान, जो बीजेपी को पड़े भारी

1. 24 सितंबर 2024

कंगना रनौत ने मंगलवार (24 सितंबर) को कहा, “तीनों विवादास्पद कृषि कानून को फिर से लागू करना चाहिए. किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करनी चाहिए. मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. किसानों के लिए तीनों कानून फायदेमंद थे, लेकिन कुछ राज्यों में किसान संगठनों के विरोध के कारण सरकार ने उन्हें निरस्त कर दिया. किसान देश के विकास में ताकत का स्तंभ हैं. मैं उनसे अपील करना चाहती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस लेने की मांग करें.”

2. 25 अगस्त 2024

कंगना रनौत ने 25 अगस्त को कहा था कि किसान आंदोलन के जरिए भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने की तैयारी थी. उन्होंने कहा था, “जो बांग्लादेश में हुआ है वो यहां (भारत) होते हुए भी देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व सशक्त नहीं होता. यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थीं, वहां रेप हो रहे थे. किसानों की बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ. इस तरह के षड्यंत्र… आपको क्या लगता है किसानों…? चीन, अमेरिका… इस तरह की विदेशी शक्तियां यहां काम कर रही हैं.”

3. अगस्त 2024

इसी साल अगस्त में कंगना रनौत से जाति जनगणना को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि मेरी स्थिति वही है जो योगी आदित्यनाथ की है. साथ रहेंगे नेक रहेंगे, बटेंगे कटेंगे.’ उन्होंने आगे कहा था, ‘जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए. हम बॉलीवुड स्टार्स की जाति पूछते हैं क्या? किसी को कुछ नहीं पता होता है. मेरे आसपास के लोग जाति की परवाह नहीं करते हैं. देश में महिलाओं पर हिंसा बढ़ रही है. हमें इस पर ध्यान देना होगा. 

4. 3 नवंबर 2021

कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर 2021 में भी बयान दिया था. उन्होंने किसान आंदोलन में शामिल कुछ लोगों पर ‘खालिस्तानी आतंकवादी’ होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि देश को विभाजित करने की साजिश हो रही है और इसमें खालिस्तानी तत्व शामिल हैं. उन्होंने इसे देश को तोड़ने की साजिश करार दिया था. कंगना ने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा था, “खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार को परेशान कर रहे हैं… लेकिन हमें एक महिला को नहीं भूलना चाहिए… एकमात्र महिला प्रधानमंत्री ने इन्हें अपनी जूतियों के नीचे कुचल दिया था. चाहे उन्होंने इस देश को कितनी भी तकलीफ क्यों ना दी हो… उन्होंने अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया… लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए.” इस बयान के बाद सिख समुदाय में गुस्सा भड़क गया था. कंगना के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गईं. इस बयान ने भी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाई थीं.

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