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Jammu Kashmir Election: जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण का मतदान आज, कई इलाके अलगाववाद प्रभावित




नई दिल्ली:

Jammu Kashmir Elections 2024 Second Phase: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान बुधवार को होगा. इस चरण में 26 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. यह चरण इसीलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें न सिर्फ़ उन इलाक़ों में वोटिंग होगी जो अलगाववाद के केंद्र माने जाते है बल्कि इसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के भाग्य का फैसला भी होगा. 

उमर बडगाम और गांदरबल से लड़ रहे चुनाव

गांदरबल हॉटसीट है जिस पर सबकी निगाहें है. ऐसा इसीलिए है क्योंकि उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल विधानसभा क्षेत्र को फिर से हासिल करने के लिए इसे प्रतिष्ठा की लड़ाई बना लिया है. इस इलाक़े में पर्चा भरते समय उन्होंने अपनी टोपी उतारकर लोगों से उन्हें जिताने की गुजारिश की थी. 

वैसे गंदरबल नेशनल कॉन्फ़्रेंस की पारिवारिक सीट मानी जाती रही है. इस सीट का प्रतिनिधित्व अतीत में उमर के दादा शेख अब्दुल्ला, पिता फारूक अब्दुल्ला और खुद उमर ने भी किया है. 

गांदरबल सीट पर उमर के खिलाफ आंतकवाद के मामलों में आरोपी सर्जन बरकती खड़े है. वे जेल में बंद रहते हुए चुनाव लड़ रहे हैं. उमर का कहना है कि यह सब बीजेपी के इशारे पर किया जा रहा है.  इसके अलावा इशफाक जब्बार इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. 

बड़गाम वह दूसरी सीट है जिस पर उमर अब्दुल्ला अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इन दोनों सीटों पर बुधवार को वोट डाले जाएंगे. विपक्षी पार्टियां खासकर पीडीपी उमर को इस बात को लेकर चुनावी रैलियों में निशाना बनाती रही है कि डर के कारण वे दो जगह से चुनाव लड़ रहे हैं. 

अलगाववादियों के गढ़ में दूसरे चरण का मतदान 

दूसरे चरण की वोटिंग को लेकर सभी पॉलिटिकल पंडितों की नजर श्रीनगर और उसके आसपास के इलाकों पर है. दरअसल 26 में से 15 असेंबली सीटें कश्मीर में आती हैं और इनमें से ज़्यादातर वो इलाकों में अलगवादियों का असर देखा जाता रहा है. इनमें खंयार , ज़ेडीबल , लाल चौक, ईदगाह हज़रतबल शामिल है. अभी तक जब भी चुनाव हुए है इन इलाकों में पोलिंग परसेंट कम ही  रहता है. 

इस साल हुए लोकसभा चुनावों में श्रीनगर में 37.98 फीसदी वोट पड़े थे. चुनाव आयोग के मुताबिक यह पिछले 35 सालों में सबसे ज़्यादा मतदान था. 

पहले चरण में कम वोटिंग को लेकर प्रशासन में चिंता 

विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग को लेकर चर्चा इसीलिए भी हो रही है क्योंकि पहले चरण में तमाम कोशिशों के बावजूद सिर्फ़ 61 फ़ीसदी वोटिंग हुई जबकि 2014 में इन इलाक़ों में 66 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी. इसे लेकर भी लोकल राजनीतिक दल बीजेपी को निशाना बना रहे हैं. 

सुरक्षा के खास इंतजाम 

दूसरे चरण में ज़्यादातर वे इलाक़े हैं जहां पिछले कुछ दिनों में आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं. इसीलिए सुरक्षा के खास इंतज़ाम किए गए हैं. जिन इलाकों में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है  उनमें कश्मीर संभाग में कंगन, गांदरबल, हजरतबल, खानयार, चन्नपोरा, जदीबल, हब्बाकदल, लाल चौक, बीरवाह, खानसाहब, ईदगाह, सेंट्रल शाल्टेंग, बडगाम, चरार-ए-शरीफ और चदूरा सीट शामिल है.

जम्मू संभाग की गुलाबगढ़, रियासी, श्री माता वैष्णो देवी, कालाकोट-सुंदरबनी, नौशेरा, राजौरी, बुद्धल, थन्नामंडी, सूरनकोट, पुंछ-हवेली और मेंढर सीट पर सुरक्षा के ख़ास इंतजाम किए गए हैं. 

चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार के विधानसभा चुनाव में सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में चुनावों के दौरान कई बार सुरक्षा उल्लंघन की घटनाएं सामने आई हैं. ईवीएम की सुरक्षा को लेकर खास निर्देश दिए गए हैं. सीसीटीवी कैमरे सभी मतदान केंद्रों पर लगाए गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग सुविधाएं होंगी.

यह हैं वीआईपी सीटें 

दूसरे चरण में चुनाव मैदान में नौशेरा विधानसभा सीट से जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना और सेंट्रल-शाल्टेंग सीट से जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा हैं. विधानसभा चुनाव के इस चरण में अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी (चन्नापोरा), पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर (खानयार), अब्दुल रहीम राथर (चरार-ए-शरीफ), चौधरी जुल्फिकार अली (बुधल) और सैयद मुश्ताक बुखारी (सूरनकोट) भी है. 

जेल से सर्जन बरकती भी चुनावी मैदान में 

सर्जन बरकती UAPA के तहत जेल में है. एनआईए उनके ख़िलाफ़ जांच कर रही है, लेकिन इसके बावजूद वे चुनावी मैदान में उतरे. हैरानी की बात है कि पहले वे जनीपोरा से चुनाव लड़ रहे थे लेकिन वहां का पर्चा खारिज हो गया. अब वे गंदरबल और बीरवाह से चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनकी बेटी उनके लिए प्रचार कर रही है. दिलचस्प बात यह है कि बरकती न पीडीपी को निशाना बना रहे हैं, जिसने उन पर 2016 में केस दर्ज कराए और न ही बीजेपी को. वे सिर्फ़ उमर अब्दुल्ला पर हमला बोल रहे हैं. वे उम्मीद कर रहे हैं कि जैसे इंजीनियर राशिद ने लोकसभा चुनाव में उमर को हराया था, वे भी वैसा ही कुछ कर पाएंगे. 

चुनाव आयोग की तैयारियां 

ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान करें, इसके लिए चुनाव आयोग ने 3,502 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं. इनमें से 1,056 शहरी मतदान केंद्र और 2,446 ग्रामीण मतदान केंद्र हैं. इस चरण के दौरान श्रीनगर जिले में 93 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसके बाद बडगाम जिले में 46, राजौरी जिले में 34, पुंछ जिले में 25, गांदरबल जिले में 21 और रियासी जिले में 20 उम्मीदवार मैदान में हैं.

कश्मीरी पंडित भी डालेंगे वोट : दूसरे चरण में ऐसे कई इलाके हैं जो कश्मीरी पंडितों के गढ़ माने जाते हैं. हालांकि अब घाटी में इन लोगों की संख्या कम बची है, लेकिन हबाकदल में इस बार दिलचस्प लड़ाई है. इस बार यहां से आधा दर्जन कश्मीरी अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी भी यहां से चुनाव लड़ रही है और अशोक भट पर अपना दांव खेल रही है. 

दूसरे चरण में 15,500 से अधिक कश्मीरी प्रवासी मतदाता जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में बनाए गए 24 विशेष मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं. जम्मू में 14,700 से अधिक कश्मीरी पंडित मतदाता पंजीकृत हैं, जो यहां 19 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

कहां-कहां पड़ेंगे वोट

श्रीनगर जिले में निर्वाचन क्षेत्र हजरतबल, खानयार, हब्बाकदल, लाल चौक, चन्नापोरा, जदीबल, सेंट्रल शाल्टेंग और ईदगाह में मतदान होगा.

बडगाम जिले में खंड बडगाम, बीरवाह, खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ, चादूरा और गांदरबल जिले में दो निर्वाचन क्षेत्रों कंगन (एसटी) और गांदरबल में मतदान होगा.

जम्मू संभाग में जिन सीटों पर मतदान होगा उनमें गुलाबगढ़ (एसटी), रियासी, श्री माता वैष्णो देवी (रियासी जिला), कालाकोट-सुंदरबनी, नौशेरा, राजौरी (एसटी) , बुद्धल (एसटी), थन्नामंडी (एसटी) ), सुरनकोट (एसटी), पुंछ हवेली और मेंढर (एसटी) शामिल हैं.

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