Tamil Nadu Governor RN Ravi said secularism is an europian concept not need of it for India
Tamil Nadu Governor: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि का धर्मनिरपेक्षता पर दिया बयान चर्चाओं में हैं. कन्याकुमारी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने आरएन रवि ने धर्मनिरपेक्षता को यूरोपीय अवधारणा बताते हुए कहा कि भारत में इसकी कोई जरुरत नहीं है.
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कार्यक्रम के दौरान ये भी कहा कि भारत के लोगों के साथ धर्मनिरपेक्षता के नाम पर धोखाधड़ी हुई है और धर्मनिरपेक्षता की गलत व्याख्या की गई है. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये भी पूछा कि धर्मनिरपेक्षता का क्या मतलब है? वो बोले कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय अवधारणा नहीं है.
बताया कैसे हुआ उदय
राज्यपाल आरएन रवि ने कहा, ‘यूरोप मं चर्च और राजा के बीच संघर्ष की वजह से धर्मनिरपेक्षता का उदय हुआ. यूरोप की अवधारणा धर्मनिरपेक्षता को वहीं रहना चाहिए.’ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आलोचना करते हुए वो बोले, ‘1976 में संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता शब्द शामिल हुआ. एक असुरक्षित प्रधानमंत्री ने कुछ वर्गों को खुश करने की कोशिश में इसे संविधान में शामिल कराया.’
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि की धर्मनिरपेक्षता पर की गई टिप्पणी पर अब सियासी पारा हाई है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की नेता वृंदा करात ने इस टिप्पणी पर निशाना साधा है. वृंदा करात ने कहा, ‘राज्यपाल आरएन रवि की टिप्पणी भ्रमित करने वाली वाली है. इस टिप्पणी का मतलब है कि संविधान उनके लिए मायने नहीं रखता है. ये बयान दर्शाता है कि संविधान भी उनके लिए एक विदेशी अवधारणा है. संविधान में विश्वास न करने वाले लोग राज्यपाल की कुर्सी पर बैठे हैं.’
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