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राजनाथ सिंह पाकिस्तान के सामने रख थी बड़ी शर्त, कहा- हम अपनाने को तैयार लेकिन…


Rajnath Singh Message To Pakistan: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार (22 सितंबर 2024) को कहा कि भारत पाकिस्तान को अपनाने और उसके साथ फिर से बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है, लेकिन शर्त यह है कि पड़ोसी देश पहले इस बात की गारंटी दे कि वह भारतीय सरजमीं पर आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद कर देगा.  राजनाथ सिंह ने कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर ‘पाकिस्तान के ‘प्रॉक्सी’ (प्रतिनिधि)’ के रूप में काम करने का आरोप लगाया.

‘नापाक एजेंडा’ को चलाने की इजाजत नहीं

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसी को भी जम्मू-कश्मीर में इस्लामाबाद के ‘नापाक एजेंडा’ को चलाने की अनुमति नहीं देगी. इस सीमावर्ती जिले में भाजपा उम्मीदवारों चौधरी जुल्फिकार अली (बुधल विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरे) और ठाकुर रणधीर सिंह (कालाकोट-सुंदरबनी सीट से नामांकित) के समर्थन में कोटरंका और सुंदरबनी में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि देश की प्रगति के लिए हिंदू-मुस्लिम एकता जरूरी है.  

राजनाथ सिंह ने बताई बातचीत की शर्त

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘वे (नेकां और पीडीपी) पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत कर रहे हैं, एक ऐसा देश जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन और बढ़ावा दे रहा है. आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, लेकिन अगर पाकिस्तान गारंटी देता है कि वह भारतीय भूमि पर आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद कर देगा, तो हम उसे अपनाने और बातचीत शुरू करने के लिए तैयार हैं.’’

आतंकवाद से पीड़ित मुसलमान

रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने जम्मू-कश्मीर में जिन हजारों लोगों की जान ले ली है, उसमें 80 फीसदी पीड़ित मुसलमान हैं. उन्होंने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की उस कथित टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके देश और नेकां-कांग्रेस गठबंधन का संविधान के अनुच्छेद 370 की बहाली पर समान रुख है. इस पर सिंह ने कहा कि गरीबी से जूझ रहा पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है. सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी नेता का बेशर्म बयान भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के समान है.

पाकिस्तान गरीबी और कंगाली का एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड

राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान गरीबी और कंगाली का एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बन गया है और वह खुद के मामलों को संभालने में असमर्थ है, लेकिन भारत के आंतरिक मामलों को लेकर चिंतित है.  उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भीख का कटोरा लेकर घूमने की आदत है और वर्तमान में वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से सात अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता मांग रहा है, जो जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित पैकेज से कम है.

राहुल गांधी पर राजनाथ सिंह का हमला

रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी की हालिया अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को इस चुनाव में करारा जवाब दिया जाना चाहिए.’’ सिंह ने कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद सरकार को जम्मू-कश्मीर के पुनर्निर्माण का मौका मिला है. उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी ताकत अनुच्छेद 370 को दोबारा बहाल नहीं कर सकती.’’

राजनीतिक पार्टियां गुमराह कर रहीं

राजनाथ सिंह ने, नेकां, कांग्रेस और पीडीपी के चुनावी घोषणापत्रों पर सवाल उठाया, जो जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की बात करते हैं और कहा, ‘‘प्रधानमंत्री पहले ही वादा कर चुके हैं कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. ये पार्टियां इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रही हैं.’’ सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी शरणार्थी और वाल्मीकि समाज के सदस्य सात दशकों में पहली बार जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतदान करने जा रहे हैं, जिसे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने अनुसूचित जनजाति सहित वंचित आबादी के साथ न्याय सुनिश्चित करके संभव बनाया है. 



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