Kolkata Rape Murder Case Junior doctors held press conference Demand for removal of police commissioner condition placed on meeting with Mamta Banerjee
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से हुई दरिंदगी की घटना पर सियासी पारा काफी हाई है. इसके साथ ही हर गुजरते दिन के साथ नए सवाल भी खड़े हो रहे हैं. सोमवार (16 सितंबर) को कोलकाता के प्रेस क्लब में पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट और ऑल नेशनल RDAs ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डॉक्टर अरिशा ने कई सवाल उठाए. उन्होंने पूछा, ‘पुरी सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को क्यों नहीं सौंपी गई, चालान कहां गया और पीड़िता का अंतिम संस्कार जल्दी क्यों किया गया? डॉ आरिशा ने कहा, ‘DC नॉर्थ की तरफ से पीड़िता के परिजन को पैसे की कथित पेशकश करना अपराध को छुपाने की कोशिश दिखाता है.’
कोलकाता पुलिस कमिश्नर पर उठाए सवाल
डॉ आरिशा ने कहा, ’15 अगस्त को उग्र भीड़ ने हम पर हमला किया. कोलकाता पुलिस के आयुक्त ने हमले की जिम्मेदारी भी नहीं ली.’ इसके साथ ही उन्होंने पीड़िता से दुष्कर्म के दोषियों को दंडित किए जाने की मांग की, साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हटाने भी मांग की.
डॉक्टरों ने की ये मांग
उन्होंने कहा, ‘अक्षम और लापरवाह पुलिस के अधिकारियों को पद से हटाया जाए. कोलकाता पुलिस कमिश्नर, डीसी नॉर्थ और डीसी सेंट्रल पर भी कार्रवाई हो. सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. हर ऑन कॉल रूम में पैनिक बटन इंस्टॉल हो. सरकारी स्वास्थ्य में थ्रेट कल्चर को खत्म करके हर मेडिकल कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव आयोजित हो.’ पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट के डॉ बिप्रेश ने कहा, ‘हम अभी भी अपने कार्य स्थल पर सुरक्षित महसूस नहीं करते इसलिए हम अभी तक काम पर वापस नहीं लौटे हैं.’
CM ममता के साथ बैठक पर कही ये बात
जब डॉ बिप्रेश से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल किया गया कि क्या वो सीएम के साथ प्रस्तावित बैठक में जाएंगे तो उन्होंने कहा, ‘हम लोग इस मुद्दे को सॉल्व करना चाहते हैं. आखिरी बार हम बारिश में 2 से ढाई घंटे तक इंतजार करते रहे. हम वीडियो रिकॉर्डिंग चाहते थे जिसे नहीं माना गया. हम मीटिंग में जाएंगे या नहीं ये वहां के जूनियर डॉक्टर से बात करके ही बता पाएंगे.’ वहीं IPGMER कोलकाता सुनंदा घोष ने कहा, ‘अभी भी डर का माहौल है. कई मेडिकल कॉलेज में थ्रेट कल्चर अभी भी है, जहां परीक्षा में फेल कराने से लेकर थीसिस सब्मिट ना होने के भी मुद्दे हैं.’
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