नूंह में क्या इस बार खिल पाएगा कमल? क्या बोलीं यहां की जनता, जानिए
नूंह:
हरियाणा की 90 विधानसभा सीट के लिए पांच अक्टूबर को मतदान( Haryana Assembly Elections 2024) होगा. मतगणना 8 अक्टूबर को होगी. सत्तारूढ़ भाजपा की नजर विधानसभा चुनावों में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने पर है. लेकिन उसे कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है. वहीं, हरियाणा के चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी भी ताल ठोक रही है.
हरियाणा का मेवात का इलाक, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है. तो आखिर मेवात सबसे पिछड़ा इलाका क्यों है और इस बार के सियासी समीकरण क्या है? इसको लेकर NDTV संवाददाता ग्राउंड जीरो पर पहुंचे. नूंह के मांडी खेड़ा में एक चाय की दुकान पर एक स्थानीय ने बताया कि बीजेपी ने 10 साल में इस इलाके को पीछे कर दिया. यहां कोई तरक्की नहीं हुई है. बीजेपी ने यहां के कुछ युवाओं को काम नहीं मिल रहा है.
एक स्थानीय ने बताया कि बीजेपी सरकार ने पढ़ाई की व्यवस्था की है. युवाओं को नौकरी मिल रही है. कांग्रेस सरकार ने कितने लोगों को नौकरी दी है.
वहीं, एक व्यक्ति ने कहा कि हम खेती करते है. लेकिन धान को लेकर ऐलान किया गया मुआवजा अभी तक नहीं मिला. कांग्रेस की सरकार ठीक थी. कांग्रेस ने अस्पताल बनाए हैं. बीजेपी के उम्मीदवार को हार मिलेगी.
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि कांग्रेस और बीजेपी, किसी की सरकार ने काम नहीं किया. यह इलाका भगवान भरोसे है. मेवात के साथ सरकारों ने गलत व्यवहार किया है. सिर्फ दावे किए जाते हैं.
ग्रामीण ने बताया कि यहां महिलाएं अब पढ़ रही है. चौटाला की सरकार अच्छी सरकार है. बीजेपी की सरकार भी ठीक है. लेकिन इस सरकार में यहां हिंसा हुई है. बीजेपी ने काम किया है. कांग्रेस सरकार में हिंसा नहीं हुई थी. बीजेपी सरकार में रिश्वखोरी हो रही है.
क्या है मेवात के स्थानीय मुद्दे?
मेवात में सड़क, स्कूल, अस्पताल और रोजगार चुनावी मुद्दे है. लोगों ने सरकार ने इस इलाके की समस्या की ओर ध्यान देने की अपील की है.
2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव की बात करें तो, राज्य में भारतीय जनता पार्टी और जेजेपी ने गठबंधन के साथ सरकार बनाई थी. हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी।.जिसके बाद जेजेपी ने भाजपा ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था. इस वक्त राज्य में भाजपा की सरकार है और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हैं.