Eye bank will be built in Kanpur Medical College two labs will also be built ann |
Kanpur Medical College: कानपुर मेडिकल कॉलेज में शहर का पहला आई बैंक बनेगा. शायद सुनकर हैरान हो रहे होंगे क्योंकि पैसे जमा करने के लिए बैंक की सुविधा तो आप जानते होंगे, लेकिन आंखों के बैंक के विषय में अब हम आपको बताते हैं. कानपुर मेडिकल कॉलेज और एलएलआर हॉस्पिटल में आस पास के दस जिलों के मरीज रोजाना यहां इलाज कराने के लिए आते हैं, जिसमें से आंखों के लगभग 200 मरीज रोजाना अपने इलाज को पहुंचते हैं, लेकिन आंखों की रोशनी को लेकर होने वाली समस्या बहुत से मरीजों को निराश होकर लौटा देते हैं. अब आंखों की कॉर्निया को सुरक्षित रखने के लिए ये बैंक बनाया जा रहा है, जिसमें एक महीने तक सुरक्षित रखी जायेगी.
कानपुर मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के लिए अब 400 कॉर्निया को सुरक्षित रखने के लिए बैंक बनाया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज में कॉर्निया को सुरक्षित रखने की संख्या महज 40 से 50 है और रोजाना 30 से 35 लोग अपनी आंखों की रोशनी को वापस पाने के लिए आवेदन करते हैं, जिसके मद्देनजर लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या को देखते हुए अब कानपुर में पहला आई बैंक बनाया जा रहा है.
आई बैंक में बनाई जाएंगी दो लैब
कानपुर में बनने जा रहे आई बैंक को दो मंजिला इमारत वो रूप में बनाया जाएगा. इसमें कॉर्निया को सुरक्षित रखने के लिए तापमान संतुलित रखने के लिए खास महीने और रेफ्रिजरेटर भी लगाए जायेंगे. इस के साथ ही अमेरिका के साइड सेवर संस्था से भी बात की जा रही है, जिसमें दो लैब भी बनाई जाएंगी.
अब मरीजों को निराश होकर नहीं लौटना पड़ेगा वापस
नेत्र विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर शालिनी मोहन ने बताया कि इस लैब को जल्द ही बनाकर तैयार कर लिया जाएगा और इसे बनाने में लगभग 50 लाख रुपए का खर्च आना है. वहीं इस आई बैंक को लेकर भूमि पूजन भी कर लिया गया है और जल्द ही आंखों के मरीजों को ये आई बैंक एक बड़ी राहत देगा. इस बैंक के बनने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संजय काला का कहना है कि मरीज बहुत दूर दूर से यहां इलाज कराने के लिए आते हैं और अब उन्हें निराश होकर वापस लौटना नहीं पड़ेगा.
ये भी पढ़ें: मेरठ में IPL टीम खरीदवाने के नाम पर 50 लाख की ठगी, पहले प्रॉफिट देकर फंसाया फिर दिया धोखा