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चीन से लेकर पाकिस्तान तक अमेरिका से सब पर बरसे राहुल, जानें अब क्या-क्या कहा


Rahul Gandhi Attack BJP: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में एक बार फिर बीजेपी को निशाने पर लिया है. राहुल गांधी ने विपक्ष का नेता बनने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह (लोकसभा में विपक्ष का नेता बनना) मेरी ओर से पहले किए गए काम का विस्तार है. भारत में कांग्रेस, उसके सहयोगियों की लड़ाई भाजपा और आरएसएस से है. यह एक वैचारिक युद्ध है.

राहुल ने आगे कहा, “वे भारत के दो बिल्कुल अलग दृष्टिकोण हैं. हम एक बहुल दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं, एक ऐसा दृष्टिकोण जहां सभी को फलने-फूलने का अधिकार है. भारत में सभी कल्पनाएं स्वतंत्र रूप से घूम सकती हैं, जहां आपको इस आधार पर सताया नहीं जाता कि आप किस धर्म में विश्वास करते हैं, आप किस समुदाय से आते हैं या आप कौन सी भाषा बोलते हैं, जबकि एक बहुत कठोर, केंद्रीकृत दृष्टिकोण है.. तो यही परिदृश्य है. फिर, आप जानते हैं, हम उस परिदृश्य पर लड़ते हैं.”

भारत की संस्थाओं की रक्षा की फिर दोहराई बात

राहुल गांधी यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, “भारत की संस्थाओं की रक्षा करें, भारत में कमज़ोर वर्गों की रक्षा करें, निचली जाति की रक्षा करें, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों की रक्षा करें और गरीब लोगों की रक्षा करें. यात्रा के बाद, मैं जितने लोगों की आवाज़ बन सका या बनने की कोशिश की… तो इसके लिए, आपको जाना होगा और समझना होगा कि क्या हो रहा है. आपको कृषि जगत में, वहां हो रहे संघर्षों में, बहुत गहराई से जाना होगा. वित्तीय प्रणाली में, कर प्रणाली में जाना होगा.

‘हमें भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा के लिए मजबूर किया गया’

वॉशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, हमारी पार्टी राजनीतिक रूप से भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा करने के लिए मजबूर थी. उन्होंने कहा, “हमें राजनीतिक रूप से यात्रा करने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि लोकतंत्र में सामान्य रूप से काम करने वाले सभी साधन काम नहीं कर रहे थे… मीडिया काम नहीं कर रहा था, अदालतें काम नहीं कर रही थीं… कुछ भी काम नहीं कर रहा था, इसलिए हमने कहा, ठीक है, चलो सीधे चलते हैं. हम गए और यह काम कर गया. राहुल गांधी ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के आने के बाद भारत की राजनीति बदल गई. हम राजनीति के ऐसे दौर में पहुंच गए, जो हमने पहले कभी नहीं देखा था. आक्रामक, हमारे लोकतांत्रिक ढांचों की नींव पर हमला. यह एक कठिन लड़ाई रही है और व्यक्तिगत रूप से, इसने मुझे बदल दिया.”

‘भारत-अमेरिका के बीच अच्छे संबंध दोनों देशों की जरूरत’

राहुल गांधी ने बातचीत में भारत-अमेरिका संबंधों की दीर्घकालिक संभावनाओं के बारे में भी बात की, खासकर रणनीतिक साझेदारी के संदर्भ में. राहुल ने कहा, “दो तत्व हैं. पहला है रक्षा सहयोग, जो महत्वपूर्ण है और मुझे लगता है कि हम इस मामले में अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन दूसरा तत्व है जिस पर मैंने अभी बात की, वह यह है कि चीन ने हमारे सामने गैर-लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन और समृद्धि का एक दृष्टिकोण रखा है. हमारी प्रतिक्रिया क्या है? क्या हम बस बैठे रहेंगे और कहेंगे, ठीक है, चीन दुनिया का निर्माता हो सकता है और हम कुछ नहीं करने जा रहे हैं? या हमारे पास कोई प्रतिक्रिया है? बेल्ट एंड रोड के लिए हमारी प्रतिक्रिया क्या है? मुझे इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखती… इसलिए मेरे हिसाब से, वास्तव में अमेरिका और भारत के सहयोग को यहीं जाना चाहिए. हम उत्पादन या विनिर्माण का एक लोकतांत्रिक दृष्टिकोण कैसे प्रदान कर सकते हैं जो बाकी दुनिया के लिए काम करे? और मुझे लगता है कि दोनों देश अलग-अलग चीजें पेश करते हैं और वहां बहुत बड़ा अवसर है. मुझे भारत-अमेरिका संबंधों में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखता है. भारत-अमेरिका संबंध दोनों के लिए महत्वपूर्ण है.

‘हिंसा रोकने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाना सरकार की जिम्मेदारी’

राहुल गांधी से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या कैपिटल हिल में सांसदों के साथ बैठकों में बांग्लादेश पर चर्चा हुई, तो राहुल गांधी ने कहा, “हमने इस मुद्दे को उठाया और उन्होंने भी हमसे बात की. देखिए, हम किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ हैं और हम चाहते हैं कि यह रुके. इसे जल्द से जल्द रोकना बांग्लादेशी सरकार की जिम्मेदारी है. हमारी तरफ से, यह हमारी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह दबाव बनाए ताकि हिंसा रुके.”

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर ये बोले राहुल

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर राहुल गांधी ने कहा कि हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के कारण दोनों देश पीछे रह गए हैं. हम पाकिस्तान की ओर से हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा देना स्वीकार नहीं करेंगे, इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा और जब तक वे ऐसा करते रहेंगे, तब तक समस्याएं बनी रहेंगी…”

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