s jaishankar in berlin Russia Ukraine will have to talk India ready to give advice if desired
S Jaishankar In Berlin: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (10 सितंबर 2024) को जर्मनी की राजधानी बर्लिन से एक बार फिर रूस और यूक्रेन के बीच बताचीत की वकालत की. जर्मन विदेश मंत्रालय के वार्षिक राजदूत सम्मेलन में सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन को बातचीत करनी ही होगी और यदि वे चाहते हैं तो भारत सलाह देने के लिए तैयार है.
एक दिन पहले उन्होंने सऊदी अरब की राजधानी में भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ सार्थक वार्ता की थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता है कि इस संघर्ष का युद्ध के मैदान में हल होने वाला है. कहीं न कहीं, कुछ बातचीत तो होगी ही. जब कोई बातचीत होगी, तो मुख्य पक्षों रूस और यूक्रेन को उस बातचीत में शामिल होना ही होगा.’’
रूस-यूक्रेन के बीच बातचीत की बात की थी पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और यूक्रेन यात्राओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय नेता ने मास्को और कीव में कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता है कि आपको रणभूमि में कोई समाधान मिलने जा रहा है. हमारा मानना है कि आपको बातचीत करनी होगी… यदि आप सलाह चाहते हैं तो हम उसे देने के लिए हमेशा तैयार हैं.’’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि विभिन्न देशों के बीच मतभेद होते ही हैं, पड़ोसी देशों के बीच भी मतभेद होते हैं, लेकिन जंग मतभेदों के समाधान का तरीका नहीं है. अपने संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि क्वाड एक सफल प्रयोग है. भारत क्वाड का सदस्य है. यह भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया का सामरिक सुरक्षा संवाद मंच (समूह) है. चीन क्वाड को एक ऐसे गठबंधन के रूप में देखता है, जिसका लक्ष्य उसके उभार पर अंकुश लगाना है. चीन इस समूह का कटु आलोचक है.
पुतिन ने बातचीत के लिए भारत का नाम लिया था
भारत के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमने क्वाड में फिर प्राण फूंका है. यह एक बड़ा कूटनीतिक मंच है और भारत उसके प्रति कटिबद्ध है.’’ गुरुवार (5 सितंबर 2024) को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह कहते हुए तीन देशों के साथ भारत का भी नाम लिया था कि वह यूक्रेन संघर्ष के सिलसिले में उनके संपर्क में हैं और वे वाकई में इसका समाधान करने की ईमानदार कोशिश कर रहे हैं.
रूस के व्लादिवोस्टोक में पूर्वी आर्थिक मंच के पूर्ण सत्र में पुतिन ने कहा था, ‘‘यदि यूक्रेन वार्ता को आगे ले जाने को इच्छुक है तो मैं ऐसा कर सकता हूं.’’ उनकी यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा के बाद दो सप्ताह के अंदर आयी है. पीएम मोदी ने यूक्रेन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से भेंट की थी.
रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार पुतिन ने कहा था, ‘‘हम अपने मित्रों और साझेदारों का सम्मान करते हैं. हम इस संघर्ष से जुड़े सभी मुद्दों को ईमानदारी से हल करने का प्रयास करेंगे, मुख्य रूप से चीन, ब्राजील और भारत. मैं इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में रहता हू.’’
पीएम मोदी ने 23 अगस्त 2024 को यूक्रेन की यात्रा की थी, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए मिल बैठकर इस मौजूदा युद्ध को समाप्त करना चाहिए और भारत इस क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है.
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