Jet Airways Founder Naresh Goyal Property Searched In Forex Case – जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल के मुंबई-दिल्ली स्थित 8 ठिकानों पर ED का छापा
नई दिल्ली:
जेट एयरवेज (Jet Airway) के प्रमोटर रहे नरेश गोयल (Naresh Goyal) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बंद पड़ी एयरलाइन के मालिक नरेश गोयल और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक नया मामला दर्ज किया है. इस केस के तहत ईडी ने गोयल के मुंबई और दिल्ली स्थित आठ ठिकानों पर छापेमारी की. एजेंसी ने कैनरा बैंक की शिकायत पर एक नया मामला दर्ज किया है. यह 538 करोड़ रुपये के हेरफेर से जुड़ा है. सीबीआई नरेश गोयल के खिलाफ पहले से जांच कर रही है. सीबीआई ने मई में नरेश गोयल के सात ठिकानों पर आज छापा मारा था.
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रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती जांच में नरेश गोयल के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित प्रावधानों के उल्लंघन के सबूत मिले थे. मामला 2019 का है, जब अबू धाबी के एतिहाद एयरवेज ने 2012 में सहायक कंपनी के रूप में गठित एयरवेज कंपनी जेट में हिस्सेदारी के लिए 150 मिलियन डॉलर का निवेश किया था. माना जाता है कि इस सौदे में नरेश गोयल की भूमिका ईडी की जांच का मुख्य केंद्र बिंदु थी.
सीबीआई हेराफेरी की कर रही है जांच
वहीं, सीबीआई ने जेट एयरवेज और इसके फाउंडर्स पर फंड्स की हेराफेरी का आरोप लगाया है. एजेंसी के मुताबिक एक अप्रैल, 2011 से 30 जून, 2019 के बीच ने प्रोफेशनल और कंसल्टेंसी एक्सपेंसेज के रूप में 1152.62 करोड़ रुपये खर्च किए थे. जेट एयरलाइन से जुड़ी कंपनियों के 197.57 करोड़ रुपये के लेनदेन संदेह के घेरे में हैं. इसमें कंपनी के कई अधिकारी भी शामिल थे.
1990 के दशक हुई थी जेट एयरवेज की शुरुआत
1990 के दशक की शुरुआत में टिकटिंग एजेंट से एंटरप्रेन्योर बने नरेश गोयल ने जेट एयरवेज की शुरुआत कर लोगों को एयर इंडिया का अल्टरनेटिव दिया था. एक वक्त में जेट के पास कुल 120 प्लेन थे. ‘दि ज्वॉय ऑफ फ्लाइंग’ टैग लाइन के साथ ऑपरेशन करने वाली कंपनी जब पीक पर थी तो हर रोज 650 फ्लाइट्स का ऑपरेशन करती थी.
अप्रैल 2019 से बंद है जेट एयरवेज
एयरलाइन को साउथ एशियन नेशन की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन का दर्जा हासिल था. कर्ज में दबे होने के कारण जेट एयरवेज 17 अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड हो गई थी. इसके बाद जून 2021 में एयरवेज को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के तहत जालान-कालरॉक कंसोर्टियम ने बोली जीतने के बाद अपने कब्जे में ले लिया था.
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