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Manipur Violence Smriti Irani On Women Paraded On Camera


Smriti Irani On Manipur Violence: मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना पर केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की प्रतिक्रिया आई है. मंत्री ईरानी ने घटना की निंदा की है और इसे ‘पूरी तरह से अमानवीय’ बताया है. उन्होंने घटना के बारे में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भी बात की है और सीएम से मिले आश्वासन के बारे में जानकार दी है.

मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार (19 जुलाई) को रात करीब साढ़े 11 बजे ट्वीट किया, ”मणिपुर से आया दो महिलाओं पर यौन हिंसा का भयावह वीडियो निंदनीय और सर्वथा अमानवीय है. सीएम एन बीरेन सिंह जी से बात की है जिन्होंने मुझे बताया है कि जांच अभी चल रही है और आश्वासन दिया कि अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.”

मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार का वीडियो वायरल

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार (19 जुलाई) को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वीडियो में दिख रहा है कि अन्य पक्ष के कुछ लोग एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं. 

मणिपुर पुलिस के बयान के मुताबिक, घटना 4 मई की है. 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के वीडियो के संबंध में हथियारबंद अज्ञात बदमाशों के खिलाफ नोंगपोक सेकमाई पुलिस थाने में अपहरण, गैंगरेप और हत्या आदि का मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है. बयान में कहा गया है कि राज्य की पुलिस जल्द से जल्द अपराधियों की धर-पकड़ के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. 

मणिपुर हिंसा में अबतक गई 120 लोगों की जान

बता दें कि 3 मई से शुरू हुई हिंसा की घटनाएं थमी नहीं हैं. राज्य में मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) के दर्जे मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी इलाकों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. तब से अब तक हिंसा में 120 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग घायल हुए है.

विपक्षी दलों का पीएम मोदी पर निशाना

सरकार लगातार हालात पर काबू पानी की कोशिश कर रही है. दो महिलाओं पर यौन हिंसा की घटना ने आम आदमी से लेकर नेता तक सबका मन झकझोर दिया है. सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आई है. विपक्षी दल घटना के संबंध में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ये बोलीं

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, ”मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं. महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है. हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हिंसा की एकस्वर में निंदा करनी पड़ेगी. केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?”

राहुल गांधी का रिएक्शन

मणिपुर में महिलाओं पर हुई अत्याचार की इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निशाना साधा है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया,”पीएम की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है. जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो INDIA चुप नहीं रहेगा. हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.”

टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने क्या कहा?

टीएमसी  नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें वह कहते दिख रहे हैं, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बोलिए. मन की बात बहुत हो गई और समय मणिपुर की बात करने का है. अगर आप मणिपुर पर नहीं बोलते हैं तो आप संसद को बाधित करने के आरोपी होंगे.”

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ये बोले

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”मणिपुर की वारदात बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. भारतीय समाज में इस तरह की घिनौनी हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती. मणिपुर के हालात बेहद चिंताजनक बनते जा रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री जी से अपील करता हूं कि वे मणिपुर के हालातों पर ध्यान दें. इस वारदात की वीडियो में दिख रहे दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. भारत में ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ”संसद का मानसून सत्र कल (20 मई) शुरू होकर 11 अगस्त को खत्म होगा. क्या मोदी सरकार मणिपुर के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने वाली भयावह मानवीय त्रासदी पर चर्चा होने देगी? क्या प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी तोड़ेंगे और समाधान की दिशा में कदम आगे बढ़ने के लिए देश को विश्वास में लेंगे? सिर्फ बहस काफी नहीं है. जैसा कि मैंने 12 जून को कहा था, संसद प्रधानमंत्री के लिए मणिपुर की बात करने का मंच है. यह INDIA की मांग है, जिस पर कोई समझौता नहीं हो सकता.”

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