कोलकाता में रैली निकालने वाले छात्र नेता को जमानत देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बंगाल सरकार
नई दिल्ली:
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मे ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और रेप के मामले में पश्चिम बंगाल छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी की कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा जमानत देने के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी.
पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इसमें सुप्रीम कोर्ट से सायन लाहिडी की जमानत रद्द करने की मांग की गई है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंग छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी को जमानत दे दी थी.
सायन लाहिड़ी के बारे में दावा किया गया है कि वह 27 अगस्त को कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के कथित रेप और हत्या के विरोध में राज्य सचिवालय तक निकाली गई रैली के आयोजकों में से एक थे.
रैली में हुई थी हिंसा
पश्चिम बंगाल छात्र समाज उन दो संगठनों में से एक है, जिन्होंने ‘नबान्न अभिजन’ का आह्वान किया था. लाहिड़ी को 27 अगस्त की शाम को रैली का नेतृत्व करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि रैली में हिंसा हुई थी, जिसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. साथ ही पुलिस अधिकारियों पर हमले किए गए थे.
सायन लाहिड़ी की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल बंगाल सरकार की याचिका में कहा गया है कि, शांतिपूर्ण आंदोलन की आड़ में लहिड़ी ने हिंसक आंदोलन को बढ़ावा दिया. याचिका में लाहिड़ी के विरोध प्रदर्शन को अवैध बताया गया है.
याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए बंगाल सरकार को पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया. लाहिड़ी को जमानत दिए जाने का कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला सही नहीं है. लाहिड़ी और अन्य लोगों के कारण राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हुई. आरोपी को जमानत पर रिहा किए जाने से जांच प्रभावित हो सकती है.
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