सोयाबीन की फसलों में इल्लियों के प्रकोप से किसान परेशान, कृषि वैज्ञानिकों ने दी ये जरूरी सलाह
<p style="text-align: justify;"><strong>MP News:</strong> बारिश की लंबी खेंच की वजह से किसान बहुत चिंतित है. दरअसल, सोयाबीन की फसल में अब फूल आ रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से इल्लियों का प्रकोप देखा जा रहा है. बता दें कि पहले अत्याधिक बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा रखी थी. ज्यादा बारिश से खेत तालाबों में तब्दील हो गए थे, जिससे सोयाबीन की फसल गलने लगी थी, लेकिन अब बारिश नहीं होने से फसल पर इल्लियों का प्रकोप देखा जा रहा है. </p>
<p style="text-align: justify;">फसलों को इल्लियों से बचने के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. किसान भाई खरीफ फसल सोयाबीन में पत्ती काटने वाले कीट व चक्र भंग, मक्का में इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है. वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक के अनुसार समन्वित कीट नियंत्रण के अंतर्गत प्रकाश प्रपंच, फेरोमेन ट्रैप, टी.आकार की खूंटी, जैविक व अनुशंसित रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग करें.</p>
<p style="text-align: justify;">वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार सोयाबीन फसलें अभी पुष्पन फलन की अवस्था में हैं खरीफ फसल, कीटों पर नियंत्रण करें इस समय खरीफ फसल सोयाबीन, उड़द, मूंगफली आदि पुष्पन व फलन की अवस्था में है. सोयाबीन की फसल पर गर्डल बीटल, तना मक्खी, सफेद मक्खी, मूंगफली में सफेद सुण्डी, मक्का में फॉल आर्मी वर्म, धान में पत्ती लपेटक एवं उड़द में सफेद मक्खी का प्रकोप देखा जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सोयाबीन फसल में कीटों के लिए अनुशंसित कीटनाशक</strong><br />सोयाबीन फसल में कीटों के लिए अनुशंसित कीटनाशक दवा का उपयोग करें. कीटनाशक प्रति हेक्टेयर, तना मक्खी थायमेथोक्साम लेम्बडा, सायहॅलोथ्रीन 125 मिली, लेम्बडा सायहॅलोथ्रीन 04.90 सीएस 300 मिली, क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल लैम्बडा सायहॅलोथिन 200 मिली, आइसोसायक्लोसेरम 9.2: डब्ल्यू डब्ल्यू 600 मिली, कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड 04 प्रतिशत फिप्रोनिल सीजी 200 मिली, सफेद मक्खी बीटासायफ्लुथ्रिन इमिडाक्लोप्रिड ओडी 350 मिली, एसिटेमिप्रिड 25 प्रतिशत बायफेन्थिन 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी 250 ग्राम, यमिथोक्सम मैम्बडा सायहॅलोथिन 125 मिली, क्लोरएन्ट्रानिलिमोल 18.5 एससी 150, हरी इल्ली, स्पायनेटोरम 11.7 एससी 450 मिली, चना इल्ली फ्लुबेंडियामाइड 39.35 एससी 150 मिली, </p>
<p style="text-align: justify;">तम्बाकू इल्ली फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्ल्यूजी 250-300 ग्राम, इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90: ईसी 425 मिली, ब्रोफ्लानिलाइड 300 एससी 42.62 ग्राम, टेट्रानिलिप्रोल 250-300 मिली, गर्डल बीटल थायक्लोप्रिड 21.7 एससी 750 मिली, इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90: ईसी 425 मिली, प्रोफेनोफॉस 50 ईसी 1250 मिली, एसिटेमिप्रिड 25: बायफेन्थिन 25: डब्ल्यूजी 250 ग्राम, चने की इल्ली क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी 150 मिली, इंडोक्साकार्ब 15.8 एससी 333 मिली, इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90: ईसी 425 मिली, बोफ्लानिलाइड 300 एससी 42.62 ग्राम, वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार एक बार में एक ही कीटनाशी का छिडक़ाव करें.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सोयाबीन व उड़द में पीला मोजेक रोग का नियंत्रण</strong><br />ग्रसित पौधों को उखाडक़र तुरंत नष्ट करें. सिंथेटिक पाइराइट कीटनाशक का उपयोग न करें. प्रारंभिक अवस्था में ही थायोमिथाक्जाम 25 डब्ल्यूजी या एसीटामिप्रिड 20 एसपी मात्रा 125 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिडक़ाव करें. मूंगफली में सफेद सूण्डी का नियंत्रण मूंगफली में रासायनिक कीटनाशक क्लोरपाइरीफॉस 50 ईसी मात्रा 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिडक़ाव करें.</p>
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