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Silver Stones In Alwar Scientists Are Shocked After Getting Test Done Professor Ramanand Claims Ann


Alwar News: अलवर जिले के रैणी उपखंड क्षेत्र के बीलेटा पाटन गांव की डूंगरियो में पहाड़ी पर चमकीला पत्थर मिलने के बाद ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि इनमें चांदी हो सकती है. खबर आने के बाद चारो तरफ इसकी चर्चा हो रही है. इस संदर्भ में रसायन विज्ञान शास्त्री डॉ रामानंद यादव ने दावा किया है कि इसमें चांदी है, लेकिन चांदी होने की पुख्ता जानकारी जूलॉजिकल की टीम ही दे सकती है.

संभावना व्यक्त की जा रही है कि कल 15 जुलाई को जूलॉजिकल की टीम भी इस गांव में पहुंचेगी और यहां पत्थरों के सैंपल लेकर उसका परीक्षण करेगी. बताया जा रहा है कि खबरों में आने के बाद पहाड़ी पर पुलिस बल तैनात किया गया है. ताकि उस पहाड़ी से कोई खुदाई ना करे. क्योंकि मकान बनाने के लिए ग्रामीण इस पहाड़ी से पहले ही पत्थर ले जा चुके थे.

चमकीले पत्थर की जानकारी उनके छात्रों ने दी
रसायन शास्त्री डॉ रामानंद यादव ने बताया कि जब इन पत्थरों की लैब में जांच कराई गई तो उसमें चांदी के साथ साथ लेड जैसी कीमती धातु होने के भी प्रमाण मिले हैं. उन्होंने बताया कि गांव में चमकीले पत्थर की जानकारी उनके छात्रों ने दी थी और उसी आधार पर वह गांव गए थे और वहां के सैंपल लेकर आए. जिसकी जांच अलवर जिले के भिवाड़ी और उदयपुर लेब में कराई गई. उदयपुर की रिपोर्ट आ गई है जहां चांदी की मात्रा बताई गई है जबकि भिवाड़ी की रिपोर्ट आना बाकी है.

जांच में इसमें 82 परसेंट लेड मिला है
गांव वालों ने बताया कि ये पत्थर आम पत्थरों से कई गुना भारी हैं, लेकिन इनकी चमक सबसे ज्यादा है. यहां तक कि रात को भी ये पत्थर चमक के कारण अलग दिख जाता है. जानकारी के अनुसार पत्थर में चांदी सहित कई कीमती धातु होने के कारण अब यहां पहाड़ पर ट्रैक्टर जाने बंद हो गए हैं. प्रोफेसर रामानंद ने बताया कि उन्होंने करीब महीना भर पहले ही इन पत्थरों के कुछ सैंपल लैब में भिजवाए थे. लैब से जांच में इसमें 82 परसेंट लेड मिला है. वहीं इसमें 0.80 फीसदी चांदी भी है. इसके बाद उन्होंने जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम को सूचना दी.

खनिज अभियंता राजेंद्र सिंह ने बताया कि जूलॉजिकल सर्वे की टीम  विलेटा पाटन गांव पहुंच सकती है. प्रो रामानंद यादव का कहना है कि यह विषाक्त धातु है. लेड से शरीर को नुकसान हो सकता है. इसे शरीर के अंदर नहीं जाने देना चाहिए. आमजन को भी इसके पास जाने से बचना चाहिए. 

सैंपल पास हुआ तो होगा फायदा
यहां उल्लेखनीय है कि अलवर की अरावली पहाड़ियों पर काफी समय से जियोलोजोकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम में अपने सर्वे कर रही हैं, क्योंकि यहां पर सोने की खाने होने का भी संभावना व्यक्त की गई थी और उसी आधार पर वो टीमें अपने सर्वे में लगी हुई हैं. अब पहाड़ी के पत्थरों से चांदी सहित अन्य कीमती धातु निकलने के बाद एक नई खोज अलवर के लिए हो गई है. अगर यहां यह सैंपल पास होता है तो निश्चित रूप से अलवर के लिए बहुत फायदेमंद होगा.

 राजस्थान के अलवर से जुगल किशोर गांधी की रिपोर्ट

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