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Indian middle class people did not become rich investor raised controversy on social media


Middle Class Controversy: भारत में नागरिकों की आमदनी के आधार पर उनका एक स्टेटस तय किया जाता है. रिच क्लास, मिडिल क्‍लास और पूअर क्लास की कैटगरी बनाई गई. खासतौर पर मिडिल क्‍लास के लोगों के लिए अमीर बनने का सपना एवरेस्‍ट पर चढ़ने जैसा मुश्किल होता है. इस बीच एक अरबपति ने सोशल मीडिया पर बताया कि आखिर क्‍यों मिडिल क्‍लास व्यक्ति हमेशा मिडिल क्‍लास में ही रह जाता है. जिसको लेकर अब यूजर्स के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई.

बेंगलुरू के रहने वाले निवेशक किरन राजपूत ने एक्‍स पर पोस्ट लिखा कि पिछले 50 साल में भी मिडिल क्‍लास की इच्छा नहीं बदली. 50 साल पहले भी मिडिल क्‍लास घर का सपना देखता था और आज भी वो अपना घर बनाने का सपना देखता है. जिसक लिए वो मार्केट और बैंक से भारी लोन लेकर सालों उसे चुकाता है. जिसके कारण उसकी देनदारी खत्म नहीं होती है. 

यूजर्स ने किरन राजपूत की लगाई क्लास

इस बीच किरन राजपूत की ओर से एक्स पर किए गए पोस्ट पर एक यूजर अमन गोयल ने अपने घर होने के कई सारे फायदे गिना दिए. जिसमें उन्होंने लिखा कि इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता कि आपका मकान मालिक सिर्फ इस वजह से आपको घर से निकाल देता है कि कोई और उसे 10 प्रतिशत एक्स्ट्रा किराया दे रहा है. इस दौरान अमन गोयल ने किरन राजपूत पर कहा कि आप सभी लोग इन जैसे लोगों की बातों में न आए, अपने घर बनाने के सपने पर अपना फोकस रखें. 

किराए के घर पर रहना हमेशा बेहतर

वहीं, एक अन्य यूजर का कहना है कि बड़े शहरों में अपना घर खरीदने के लिए आप बिना कर्ज के जाल में फंसे नहीं आगे बढ़ सकते हैं. जबकि, दूसरे यूजर ने लिखा, किराए के घर पर रहना हमेशा बेहतर है. इसमें खतरा कम होता है और आप घर खरीदने में लगाने वाले पैसों से करोड़ों का फंड निवेश कर सकते हैं. 

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