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Prayagraj Waqf properties Mafia Atiq Ahmed taken over Imambara and built shopping complex ann


Waqf Act: केंद्र की मोदी सरकार को लोकसभा में वक्फ एक्ट संशोधन बिल पेश करने की जरूरत क्यों पड़ी? अगर यह जानना है तो इसके लिए संगम नगरी प्रयागराज के हालात को ठीक से समझना होगा. वह प्रयागराज, जिसकी पहचान कभी माफिया अतीक अहमद के नाम से होती थी. वह प्रयागराज, जहां वक्फ की दो चार नहीं, बल्कि सैकड़ों संपत्तियों पर अतीक अहमद जैसे माफियाओं का कब्जा रहा है. संगम नगरी की बात की जाए तो यहां सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ की ही है.

प्रयागराज में कुल 3438 वक्फ संपत्तियां हैं. इनमें 3180 यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधीन है, जबकि 258 प्रॉपर्टीज का मैनेजमेंट शिया वक्फ बोर्ड देखता है. अनुमान के मुताबिक प्रयागराज में मौजूद वक्फ प्रॉपर्टीज की बाजारू कीमत पांच हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है. हालांकि ज्यादातर प्रॉपर्टीज बदहाली में है. कुछ प्रॉपर्टीज माफियाओं के शिकंजे में है तो कुछ पर दूसरे रसूखदार लोगों का कब्जा है. कहीं अतिक्रमण कर लिया गया है तो कहीं नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाई गई हैं. अकेले शहरी इलाके में पचास से ज्यादा वक्फ संपत्तियों पर माफिया अतीक अहमद और उसके गिरोह का कब्जा रहा है. 

संगम नगरी में वक्फ संपत्तियों के साथ किस तरह से खिलवाड़ और मनमानी की गई है, इसका जीता जागता उदाहरण शहर के बहादुरगंज इलाके की बताशा मंडी में स्थित इमामबाड़ा गुलाम हैदर है. तकरीबन आठ सौ वर्ग गज में स्थित यह इमामबाड़ा दो सौ साल पुराना है. यह इमामबाड़ा यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधीन है. शहर के चौक इलाके से सटे इस इमामबाड़े की जमीन पर माफिया अतीक अहमद की नजर साल 2015 में उस वक्त पड़ी, जब वह समाजवादी पार्टी का नेता हुआ करता था और सूबे में अखिलेश यादव की सरकार थी. अतीक अहमद ने उस वक्त अपने रसूख का इस्तेमाल कर वक्फ विभाग के कैबिनेट मंत्री आजम खान और चेयरमैन वसीम रिजवी पर दबाव बनाकर इमामबाड़ा गुलाम हैदर का मुतवल्ली अपने बेहद करीबी वकार रिजवी को बनवा दिया था. इसके पीछे माफिया की सोच कुछ और ही थी.

मुतवल्ली वकार रिजवी ने कुर्सी संभालते ही इमामबाड़े की पुरानी बिल्डिंग को जर्जर बताकर उसे गिरवा दिया. जीर्णोद्धार के नाम पर कुछ ही दिनों में वहां नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए चार मंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स खड़ा कर दिया गया. वहां इमामबाड़ा सिर्फ नाम का बचा. शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण का जिम्मा अतीक अहमद के बेहद करीबी राजीव जैन की कंपनी वर्धमान बिल्डर्स को दिया गया था. यहां इमामबाड़े को एक छोटे से हिस्से में सीमित कर चौंसठ दुकाने बनवाई गई. जानकारी के मुताबिक इस कामर्शियल इलाके में एक-एक दुकान पैंसठ से सत्तर लाख रुपए में बेची गई. इस तरह अतीक और उसके करीबियों ने यहां से तकरीबन चालीस करोड़ रुपए की कमाई की. इस दौरान जिसने भी आवाज उठाने या सवाल पूछने की कोशिश की, उसे माफिया के लोगों ने डरा धमका कर चुप करा दिया. प्रशासन और सरकार भी सिर्फ तमाशबीन बना रहा. सोशल एक्टिविस्ट शौकत भारती ने आवाज उठाई तो उन्हें धमकियां मिली और फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया गया. 

बहरहाल यूपी में सत्ता परिवर्तन हुआ तो सोशल एक्टिविस्ट और इस्लामिक स्कॉलर शौकत भारती ने हिम्मत जुटाकर आवाज उठानी शुरू की. इस मामले में सीबीआई जांच के भी आदेश हुए. माफिया की मर्जी पर इमामबाड़े को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाने के मामले में तूल पकड़ा तो साल 2020 में योगी सरकार ने यहां बुलडोजर चलवाकर अवैध रूप से बनवाए गए शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को जमीदोज कर दिया. इसके बाद भी वहां कुछ कामर्शियल एक्टिविटी जारी रही तो करीब साल भर बाद दोबारा कार्रवाई की गई. यह इमामबाड़ा अब भी वीरान पड़ा है. यहां तीन परिवार पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं. वह चाहते हैं कि किसी भी तरह का कानून बने लेकिन उन्हें बेदखल ना किया जाए.

माफिया अतीक अहमद ने सिर्फ इसी वक्फ संपत्ति पर नज़रें नहीं गड़ाई थी, बल्कि तमाम दूसरी वक्फ संपत्तियों पर भी उसने अपने करीबियों से कब्जा करा रखा था. चकिया इलाके में अपने दफ्तर के बगल स्थित छोटी कर्बला में उसने तालिब नाम के अपने करीबी रिश्तेदार को कब्जा करा दिया था. यहां तमाम दुकानें लगती हैं. इसके अलावा पूरामुफ्ती इलाके में कई वक्फ संपत्तियों पर उसके छोटे भाई अशरफ के ससुराल वालों ने कब्जा कर रखा है. ऐसी ही एक संपत्ति पर प्रशासन ने जून महीने में बुलडोजर चलवाया है. अशरफ के ससुराल वालों ने पुरामुफ्ती इलाके में ही एक वक्फ प्रॉपर्टी पर गलत तरीके से काबिज होकर जो आलीशान मकान और मार्केट बनवाई है, इसकी अनुमानित कीमत तकरीबन पचास करोड़ रुपए है. 

प्रयागराज में ज्यादातर वक्फ संपत्तियों का जमकर दुरुपयोग हो रहा है. जरूरतमंदों को वहां घुसने तक की इजाजत नहीं है, जबकि माफिया – अपराधी –  बिल्डर और रसूखदार लोग वक्फ की जमीनों से मालामाल हो रहे हैं. प्रयागराज में ज्यादातर वक्फ संपत्तियों की सही देखभाल नहीं होती. तमाम मुतवल्ली लोगों के हाथ की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं. यही वजह है कि प्रयागराज में इमामबाड़ा गुलाम हैदर के साथ ही तमाम वक्फ संपत्तियों के लिए पिछले लंबे अरसे से लड़ाई लड़ रहे सोशल एक्टिविस्ट शौकत भारती का कहना है कि बिल पेश करने या फिर कानून बनाने से कुछ नहीं होगा, बल्कि वक्फ के नाम पर मची लूट खसोट को रोकने के लिए नियम कानून पर सख्ती से अमल कराना होगा.

उनके मुताबिक वक्फ प्रापर्टीज के मामले में नेताओं-अफसरों-अपराधियों, पूंजीपतियों और वक्फ बोर्ड का संगठित गिरोह काम करता है. इसी वजह से आवाज उठाने वालों की कहीं कोई सुनवाई नहीं होती और उसका उत्पीड़न किया जाता है. उनके मुताबिक पहले इस नेक्सस को तोड़ना होगा और फिर मजबूत इच्छा शक्ति के साथ सख्ती दिखाते हुए ग्राउंड पर काम करना होगा, तभी कुछ बदलाव हो सकता है और वक्फ संपत्तियां लुटने से बच सकती हैं व जरूरतमंदो के काम आ सकती है.

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