“निर्दोष लोगों को संविधान बचाएगा, केजरीवाल भी आएंगे बाहर” : 17 महीने बाद जेल से रिहा हुए सिसोदिया
नई दिल्ली:
दिल्ली के शराब नीति केस ( Delhi Liquor Policy Case)में 17 महीने से तिहाड़ जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत दे दी है. शराब घोटाले में 17 महीने जेल में बिताने के बाद मनीष सिसोदिया जेल के बाहर निकल चुके हैं. 17 महीने बाद जेल से रिहा होने के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा, “निर्दोष लोगों को संविधान बचाएगा, केजरीवाल भी आएंगे बाहर”
सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े CBI और ED दोनों केस में राहत मिली है. मिली जानकारी के मुताबिक, जेल से बाहर आने के बाद सिसोदिया सबसे पहले CM अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के घर उनके परिवार से मिलने जाएंगे. इसी केस में केजरीवाल भी तिहाड़ जेल में बंद हैं.
जेल से बाहर निकलते हुए मनीष सिसोदिया
#WATCH | Former Delhi Deputy CM and AAP leader Manish Sisodia greets party leaders and workers who have gathered outside Tihar Jail to welcome him.
He was granted bail by Supreme Court today, in Delhi excise policy case. pic.twitter.com/lZTDT5iH3l
— ANI (@ANI) August 9, 2024
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
जय संविधान, जय बाबा साहब🇮🇳💯
तानाशाह की साज़िशों का जाल तोड़कर जेल से बाहर आए दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक @msisodia #ManishKiBailSachKiJeet pic.twitter.com/ZskT0KdZ1x
— AAP (@AamAadmiParty) August 9, 2024
सिसोदिया को किन शर्तों पर मिली जमानत?
मनीष सिसोदिया को 3 शर्तों पर जमानत दी गई है. पहला- उन्हें 10-10 लाख रुपये का बेल बॉन्ड भरना होगा. दूसरा- अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा. सिसोदिया इस दौरान केस के सबूतों और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे. तीसरा- उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को नजदीकी पुलिस स्टेशन में हाजिर होना होगा.
सिसोदिया पर हैं कौन से आरोप?
- सिसोदिया पर शराब का लाइसेंस लेने वालों को फायदा पहुंचाने का आरोप है. इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ.
- उनपर कोडिव के दौरान शराब की दुकानें बंद रहने पर उनके मालिकों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपये की छूट देने का आरोप है.
- सिसोदिया पर ये भी आरोप है कि उन्होंने बिजनेसमैन अमित अरोड़ा को फायदा पहुंचाने के लिए घूस ली.
- इस केस के सबूत छिपाने के लिए उन्होंने 14 फोन और 43 सिम कार्ड बदले.
- एक्साइस विभाग के मंत्री होकर उन्होंने गलत फैसले लिए, जिससे कुछ लोगों को लाभ हुआ.
जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए कहा, “अब समय आ गया है कि अदालतें इस बात को समझें कि जमानत देना एक नियम है और जेल एक अपवाद.” सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था की मनीष सिसोदिया की अर्जियों की वजह से ट्रायल शुरू होने में देरी हुई, वो सही नहीं है. हम नहीं मानते कि अर्जियों की वजह से ट्रायल में देरी हुई. इस मामले में ED ने भी 8 चार्जशीट दाखिल किए. ऐसे में जब जुलाई में जांच पूरी हो चुकी है, तो ट्रायल क्यों नहीं शुरू हुआ. हाईकोर्ट और निचली अदालत ने इन तथ्यों को अनदेखा किया.”