Bangladesh Government Crisis After Maldives did China conspire against India in Bangladesh too expert tells reason
Bangladesh Government Crisis: बांग्लादेश में भारी उथल-पुथल जारी है. सोमवार (05 अगस्त) का दिन बांग्लादेश के लिए ऐसा साबित होगा, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. सड़कों पर सैलाब, प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा और अंतरिम सरकार का गठन, सोमवार को बांग्लादेश इन सबका गवाह बना.
बांग्लादेश में जारी संग्राम के बीच एक बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि इस सबके पीछे कौन जिम्मेदार है? रक्षा मामलों के कई जानकारों ने तो बांग्लादेश में जारी संग्राम के लिए बाहरी हस्तक्षेप को जिम्मेदार बताया है. कई रिपोर्ट्स में बांग्लादेश संकट के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को बड़ी वजह माना जा रहा है.
बांग्लादेश संकट के पीछे कौन?
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट पर पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर रॉयचौधरी (सेवानिवृत्त) ने न्यूज एजेंसी एएनआई (ANI) से बात की. उन्होंने (Shankar Roychowdhury) कहा, ‘अगर किसी पड़ोसी देश में भीषण अशांति है तो ये हमारे लिए भी एक बड़ी चिंता पैदा करता है.’
‘रहना होगा सावधान’
पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर रॉय चौधरी ने कहा, ‘इस चुनौती के लिए सभी को बहुत सावधान रहने की जरुरत है. किसी भी बाहरी देश के मुद्दे में हस्तक्षेप करना हमारा काम नहीं है, लेकिन हमें अपनी सीमाओं को बहुत अधित सुरक्षित रखना होगा.
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव है वजह?
उन्होंने कहा, हमें अपने देश को आंतरिक और बाहरी रूप से मजबूत करने की जरुरत है. हम देश को किसी भी रूप में खतरे में नहीं पड़ने दे सकते. जो कुछ भी बांग्लादेश में हुआ, उसके पीछे अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव भी जिम्मेदार हो सकता है. शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ दिया है और उन्हें सुरक्षित देश से जाने की अनुमति प्रदान की गई है.’
#WATCH | Kolkata, West Bengal: On the political crisis in Bangladesh, former Chief of Army Staff General Shankar Roychowdhury (Retd.) says, “If a neighbouring country has widespread disturbance, it is a cause of concern for us. It’s a challenge and we have to be very careful…… pic.twitter.com/Nt3KHlcrTq
— ANI (@ANI) August 5, 2024
भारत के खिलाफ जहर कौन बो रहा है?
बड़ा सवाल ये है कि बांग्लादेश में भारत समर्थन हसीना सरकार अब बाहर हो चुकी है. इससे पहले श्रीलंका में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी और वहां भी प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे. अहम ये है कि श्रीलंका भी चीन के कर्ज में दबा हुआ था.
मालदीव और भारत के बीच रिश्तों पर भी चीन के पिट्ठू कहे जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से खटास पैदा हो गई है. हालांकि, भारत के कठोर रवैये के बाद मालदीव घुटनों पर आ गया था. जबकि पाकिस्तान से भारत की दुश्मनी तो जगजाहिर है. सवाल ये भी खड़ा हो रहा है तो क्या चीन, एशिया में भारत विरोधी माहौल बनाने की कोशिशों में जुटा है.