बांग्लादेश में फिर हुईं झड़पें; 72 लोगों की मौत, केंद्र ने वहां रहने वाले भारतीयों से संपर्क बनाए रखने को कहा
नई दिल्ली:
भारत ने बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों से संपर्क में रहने और सतर्क रहने को कहा है. प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच ताजा झड़पों में 72 लोगों की मौत हो गई है. रविवार को हुई झड़पों में दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं.
- बांग्लादेश में भारत के असिस्टेंट हाई कमीशन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सिलहट में स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस कार्यालय के संपर्क में रहें और सतर्क रहें. इमरजेंसी की स्थिति में कृपया +88-01313076402 पर संपर्क करें.”
- सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन आज प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग के साथ फिर से शुरू हो गया.
- कुछ ही दिन पहले बांग्लादेश में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हुईं हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए थे, प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे थे. कोटा प्रणाली के तहत 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले सेनानियों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है.
- समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह झड़पें आज सुबह तब शुरू हुईं जब सरकार से इस्तीफे की मांग को लेकर आयोजित किए गए असहयोग कार्यक्रम में भाग लेने आए प्रदर्शनकारियों को अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा.
- बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने रविवार को शाम 6 बजे से देश भर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं. उन्होंने लोगों से उन्हें सख्ती से दबाने को कहा.
- शेख हसीना ने गणभबन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई. उन्होंने कहा, “मैं देशवासियों से इन आतंकवादियों का सख्ती से दमन करने की अपील करती हूं.” बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस और अन्य एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए.
- स्थानीय मीडिया के अनुसार, रंगपुर में चार अवामी लीग समर्थक मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हो गए, जबकि बोगरा और मगुरा में दो-दो लोग मारे गए, जिनमें एक छात्र दल का नेता भी शामिल है.
- बीडीन्यूज24 समाचार पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के इस्तीफे और कोटा सुधार विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हालिया हिंसा में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए.
- अखबार डेली स्टार के अनुसार, रविवार को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (BSMMU) में अज्ञात लोगों ने कई वाहनों में आग लगा दी. लाठियां लिए हुए लोग कारों, एंबुलेंस, मोटरसाइकिलों और बसों में तोड़फोड़ करते हुए देखे गए.
- प्रदर्शनकारियों ने बढ़ती हिंसा को रोकने के उद्देश्य से बातचीत का शेख हसीना का आमंत्रण अस्वीकार कर दिया. उनहोंने अपनी मांगों को लेकर सरकार से इस्तीफे की मांग की है. (इनपुट पीटीआई से भी)