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Delhi Shelter Home Death: दिल्ली का एक शेल्टर होम मौत का घर बन गया है. आशा किरण नाम से बने एक स्थाई शेल्टर होम में पिछले एक महीने में 14 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें इनमें बच्चे भी शामिल हैं. ये शेल्टर होम मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए बना है. दिल्ली सरकार की ओर से इन मौतों को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसकी रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर आएगी. दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले इस शेल्टर होम में हुई मौतों पर राजनीति भी शुरू हो गई है. 

काफी गंदे हैं शेल्टर होम- रेखा शर्मा

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस शेल्टर होम का इंस्पेक्शन करने के बाद कहा, “यहां का पानी खराब है, किचेन में आरओ नहीं लगा हुआ है. जिन 14  लोगों की मौतें हुई है उसमें 8 महिलाएं शामिल हैं. यहां के वाशरूम कम हैं और काफी गंदे हैं. इस शेल्टर होम में रहने वाले करीब 400 बच्चे इसी वाशरूम का इस्तेमाल करते हैं.”

उन्होंने बताया कि वाशरूम में टीबी के मरीज भी बाकी बच्चों के साथ जाते हैं. महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि वह इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को स्वतंत्र जांच के लिए पत्र लिखेंगी और अपनी रिपोर्ट भी देंगी.

आशा किरण होम के डाक्टर का बयान

आशा किरण होम के डाक्टर अशोक कुमार ने कहा कि यहां खराब पानी मिल रहा है, जिससे डायरिया हो रहा है. उन्होंने कहा, मैंने यहां फंगस वाला खाना भी देखा है, जिसे लेकर 21 जुलाई 2024 को प्रशासन को एक लेटर भी लिखा है. यहां की देख रेख करने वाले प्रशासन हफ्ते में दो बार ही इस शेल्टर होम में आते हैं. यहां खाने को पौष्टिक चीजें नहीं दी जाती हैं. कम से कम दूध और अंडा तो दिया ही जाना चाहिए, जो नहीं दिया जा रहा है. दवाई से खाने की समस्या तो दूर नहीं हो सकती है.

‘शेल्टर होम की हालात जेल से भी बदतर’

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने कहा कि आज शेल्टर होम की हालात जेल से भी बदतर है, जवाबदेही तय होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “ये सीधे-सीधे लापरवाही का मामला है. यहां की कुछ लड़कियां कुपोषण का शिकार हैं. 20 फीसदी बच्चियों को चर्म रोग है. गर्मी के कारण वहां कोई खड़ा नहीं हो पा रहा है. लड़कियां कह रही हैं कि डिहाइड्रेशन के कारण मौत हुई है. मेरे हिसाब से तुरंत एफआईआर होनी चाहिए. इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो मंत्री एसी कमरों में बैठकर पीसी कर रहे हैं वो यहां क्यों नहीं आए हैं.”

राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैं जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थी तब इसी में कुछ लोगों की मृत्यु हुआ था. वहां बहुत गंदगी थी. बहुत बुरा हाल था. शेल्टर होम में डॉक्टर की कमी थी. मनोचिकित्सक हफ्ते में सिर्फ एक बार आता था. मैंने स्ट्रांग रिपोर्ट दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. मैं इस मुद्दे को संसद में उठाउंगी.”

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