RJD Leader Manoj Jha Raise the fee structure of Neet NTA in rajyasabha
Manoj Jha On NEET-NTA: आरजेडी नेता मनोज झा अपने बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. शुक्रवार (02 अगस्त) को मनोज झा ने राज्यसभा में भाषण दिया. भाषण के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. बता दें कि इससे पहले भी गुरुवार (01 अगस्त) को मनोज झा की राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के साथ नोकझोंक हुई थी.
आरजेडी नेता मनोज झा ने भाषण की शुरुआत में कहा, ‘प्रस्ताव अब्दुल्ला साहब का है और ये बेगानी शादी भी नहीं है तो उनकी दीवानगी मुद्दे के लिए है, बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना नहीं है.’ इसके बाद उन्होंने हाथी, चिड़िया और बंदर की कहानी भी सदन में सुनाई.
हाथी, चिड़िया और बंदर की कहानी सुनाई
उन्होंने कहा, ‘एके राजन कमेटी तमिलनाडु सरकार ने गठित की थी. उस कमीशन ने एक तस्वीर बड़ी प्यारी है जिसमें एक हाथी, चिड़िया और बंदर दिखाई दे रहे हैं. तीनों को कहा जा रहा है कि मुकाबला पेड़ पर चढ़ने का है. मैं इस संदर्भ में एक बात कहूंगा पहले तो एजुकेशन स्टेट लिस्ट होता था. 42 वें संशोधन के बाद काफी कुछ चीजें हुईं लेकिन ये स्टेट के साथ से लगभग निकल गया.’
नीट और एनटीए पर साधा निशाना
वो बोले, ‘हमारे देश में एक जिद भी है कि कुछ वर्षों में एक-एक-एक, अरे ये देश ही अनेक है, अनेकता में एकता. यहां भोजन, वस्त्र, क्षेत्रों, धर्म और भाषा की विविधता है. इन विविधताओं के बीच हमारे अप्रोच में विविधता का सम्मान होना चाहिए थे जिसका नीट जैसी संकल्पना, एनटीए जैसी संस्था, उस संकल्पना के साथ उचित न्याय नहीं करती है.’
फी स्ट्रक्चर पर भी की बात
मनोज झा ने कहा, ‘जो फी स्ट्रक्चर हम नीट को देखते हैं. बिहार का जातिगत सर्वेक्षण का अगर आप आंकड़ा देखें जहां तकरीबन 35 प्रतिशत लोगों की आमदनी छह हजार रुपये या उससे कम है. ऐसी स्थिति में ये फी स्ट्रक्चर कहां फिट बैठता है. इन विषयों पर जब आज सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया जा रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने तो बहुत बातें की हैं.’
वो बोले, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इतने बड़े पैमाने पर परीक्षा दोबारा ना हो लेकिन पटना और हजारीबाग की भी बात की है. गोधरा की भी चर्चा हुई है. पूरी परीक्षा एक लेवल पर कॉम्प्रोमाइज थी. मेरा कहना है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को अरब महासागर या बंगाल की खाड़ी में फेंकिए, चुनना आपको है.’
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