congress mp charanjit singh channi complained against PM modi No action to be taken
Lok Sabha Monsoon Session 2024: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद अनुराग ठाकुर के लोकसभा में दिए भाषण को साझा करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के नोटिस पर आगे कदम उठाए जाने की संभावना नहीं है, क्योंकि जिस टिप्पणी का उल्लेख इसमें किया गया है वो सदन की कार्यवाही से हटाई ही नहीं गई है.
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी के नेता के मंगलवार (30 जुलाई 2024) के भाषण के दौरान कांग्रेस सदस्यों की मुख्य आपत्ति इस बात को लेकर थी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की जाति पर सवाल उठाए गए थे.
अनुराग ठाकुर ने नहीं लिया था नाम
उन्होंने ने कहा कि अगर कांग्रेस का विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस पूर्व केंद्रीय मंत्री के भाषण के इस हिस्से पर आधारित है, तो यह वैध नहीं हो सकता, क्योंकि उस हिस्से को कार्यवाही से कभी हटाया ही नहीं गया. सूत्रों का यह भी कहना है कि अनुराग ठाकुर ने अपने संबोधन में किसी का नाम नहीं लिया, जब उन्होंने कहा कि जिनकी जाति पता नहीं, वो गणना की मांग कर रहे हैं.’’
सूत्रों ने कहा कि अनुराग ठाकुर की इस टिप्पणी को कार्यवाही से हटाया नहीं गया है, क्योंकि इसमें सीधे तौर पर किसी का जिक्र नहीं था. उन्होंने बताया कि अनुराग ठाकुर के भाषण का एकमात्र हिस्सा जिसे हटाया गया, वह झूठ शब्द का इस्तेमाल था, जिसे सदन के नियमों के अनुसार असंसदीय माना जाता है.
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का मामला नहीं बनता
सूत्रों ने कहा कि यह विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का मामला ही नहीं बनता, हालांकि इस मामले में अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लेना है. बीजेपी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कांग्रेस सांसदों की ओर से ऐसे भाषणों के वीडियो लिंक साझा करने का इतिहास रहा है, जिसके बड़े हिस्से कार्यवाही से हटा दिए जाते हैं.
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस का नोटिस राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है. कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने अनुराग ठाकुर की टिप्पणी के मामले में बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया.
पंजाब के जालंधर से लोकसभा सदस्य चन्नी ने इस नोटिस में दावा किया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अनुराग ठाकुर के भाषण के उस अंश वाला वीडियो सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा किया जिसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम सदन के विशेषाधिकार का हनन है.
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