Asia Longest Ropeway is going to buit in shimla to make traveling more convenient ann
Longest Ropeway of India: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला एक बार फिर नए कीर्तिमान के साथ विश्व पटल पर पहचान बनाने वाली है. शिमला में भारत का सबसे लंबा रोपवे बनकर तैयार होगा. दुनिया भर में ये दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा.
दुनिया में सबसे लंबा रोपवे बोलीविया में है. इसकी लंबाई 32 किलोमीटर है. शिमला में 1734.40 करोड़ की लागत से 13.79 किलोमीटर में दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे बनने जा रहा है. इससे न सिर्फ यहां आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि शहर में ट्रैफिक की समस्या का भी काफी हद तक समाधान हो जाएगा.
भारत में अभी सिर्फ 20 ही रोप-वे
यूरोप के देशों में करीब 25 हजार रोपवे प्रोजेक्ट हैं, जबकि भारत में अभी 20 ही रोपवे बन पाए हैं. इस दिशा में हिमाचल प्रदेश अब तेजी से कदम बढ़ा रहा है. हिमाचल में बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध में रोप-वे बनाने को लेकर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. बगलामुखी मंदिर में रोपवे बन कर तैयार हो चुका है. इसका भी जल्द उद्घाटन होगा. ये रोपवे यहां मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सार्थक सिद्ध होगा.
कारोबार को मिलेंगे नए पंख – मुकेश अग्निहोत्री
हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल के कई निवेशक रोपवे का निर्माण काम कर रहे हैं. चिंतपूर्णी और रोहतांग में रोपवे का निर्माण कार्य हिमाचल ही कर रहा है. गर्व की बात है कि हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के रोपवे तैयार करने में हिमाचली अहम भूमिका निभा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश स्विट्जरलैंड और आस्ट्रिया की तरह रोपवे का जाल प्रदेश में बिछाएगा. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि रोपवे पर्यावरण हितैषी हैं. इससे यातायात जाम की समस्या का निजात मिलेगा और पर्यटन के कारोबार को नए पंख लगेंगे.
1 मार्च 2025 से शुरू होगा रोपवे का काम
शिमला रोपवे का काम साल 2025 में 1 मार्च से शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक एफसीए मंजूरी के लिए सारे दस्तावेज परिवेष पोर्टल पर 1 अप्रैल 2024 को अपलोड कर दिया गया है. इसके साथ ही इस रूट के लाइन के नाम मोनाल लाइन, देवदार लाइन और एप्पल लाइन रखे गए हैं.
न्यू डेवलपमेंट बैंक की ओर से फैक्ट फाईडिंग मिशन के तहत 2 जून से 10 जून तक इसका निरीक्षण किया जा चुका है. एनडीबी ने कांसेप्ट नोट को 12 जुलाई को मंजूरी दी है. एनडीबी के दिसंबर महीने में प्रस्तावित निदेशक मंडल की बैठक में प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा.
शिमला की लाइफलाइन बन सकता है रोपवे
इस रोपवे में शुरुआत में एक तरफ से एक हजार लोगों की आवाजाही होगी. दोनों तरफ से दो हजार लोग एक घंटे में सफर कर पाएंगे. साल 2059 तक इस रोपवे में 3 हजार लोगों को एक तरफ से ले जाने की व्यवस्था तैयार हो जाएगी. ऐसे में छह हजार लोग एक घंटे में सफर कर सकेंगे.
यहां होंगे रोपवे के स्टेशन
शिमला रोपवे के तहत अलग-अलग स्थानों पर स्टेशन बनाए जाएंगे. इसके लिए तारादेवी, चक्कर कोर्ट, टुटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार, आईजीएमसी, संजौली, नव बहार, सचिवालय और लिफ्ट के पास रोपवे के बोर्डिंग स्टेशन चिन्हित किए गए हैं.
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