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Dewas Vikas Development Authority officer sold government land for crore Lokayukta police Registered Case MP ANN


Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के देवास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कलेक्टर गाइडलाइन से कम दाम पर दो जगह की जमीन को तीन भागों में बांटकर सस्ते दाम में बेच दिया. इससे सरकार को 2 करोड़ 53 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इस मामले की शिकायत जब लोकायुक्त पुलिस के पास पहुंची, तो पुलिस ने पूरे मामले की बारीकी से जांच की. 

वहीं शिकायत सही पाई जाने पर लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. अब कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि साल 2005-06 में तत्कालीन मुख्य कार्यपालिका अधिकारी देवास विकास प्राधिकरण आरएस अगस्थी के द्वारा कलेक्टर गाइडलाइन से कम दाम में विकास प्राधिकरण के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और दो प्लॉट को भाग ए, बी और सी में बांटे दिए गए थे. 

इसके अलावा खरीददार धनराज पिता हीरालाल अग्रवाल, सुनीता पति शरद अग्रवाल और दीपा पति मनीष अग्रवाल निवासीगण देवास को साजिश के तहत सस्ते और कम दामों में राज्य शासन की मंजूरी के बिना बेचकर प्राधिकरण को लगभग 2,53,78,433 रुपये का आर्थिक नुकसा पहुंचाया गया था. इस मामले में तत्कालीन विधायक अंतर सिंह दरबार के द्वारा लोकायुक्त मुख्यालय भोपाल में शिकायत की गई थी.

इन धाराओं में केस दर्ज
प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरएस अगस्थी और संपत्ति खरीददार धनराज अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल और दीपा अग्रवाल के खिलाफ धारा 13(1)सी, 13(2) डी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और 409, 120 के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.

लोकल पुलिस ने साल 2024 में अभी तक 90 मामले दर्ज कर लिया है. उज्जैन मुख्यमंत्री का जिला है और उज्जैन संभाग लोकायुक्त पुलिस के अंतर्गत आता है. इनमें से कई मामले रिश्वत लेकर रंगे हाथ पकड़े जाने की भी है. लोकायुक्त पुलिस पद के दुरुपयोग के भी लगातार अपराध दर्ज कर रही है.

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