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China built bridge on Pangong Tso ladakh capable of carrying tanks captured in satellite image


Chinese Bridge in Ladakh: लद्दाख में चीन अपने विस्तारवादी मंसूबों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहा है. पूर्वी लद्दाख में ड्रैगन ने इन्हीं मंसूबों के मद्देनजर पेंगोंग त्सो झील पर ब्रिज बनाने का काम लगभग पूरा कर लिया है. हाल ही में सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरों में ये पुल साफ-साफ दिखाई दे रहा है. ये ब्रिज लद्दाख के खुर्नाक इलाके में झील के सबसे संकरे हिस्से पर बनाया गया है. जो लद्दाख के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से को जोड़ रहा है. 

बताया जा रहा है कि ये ब्रिज जल्द ही इस्तेमाल में लिए जाने लायक हो जाएगा. साथ ही इस ब्रिज के पूरी तरह से बन जाने के बाद चीन लद्दाख में अपने विस्तारवादी मंसूबों को अंजाम देने के लिए मजबूत स्थिति में आ जाएगा. इस ब्रिज के जरिए चीन की सेना को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगेगा और वो किसी भी ऑपरेशन को जल्द अंजाम देने की स्थिति में होंगे. 

भारी हथियार भी जल्द से जल्द ला सकेगा चीन

चीन इस ब्रिज के जरिए इलाके के दक्षिणी हिस्से तक टैंक जैसे भारी हथियारों को भी ले जा सकेगा. इसी इलाके में रेजांग ला भी है, जहां साल 2020 में चीनी सैनिकों की झड़प भारतीय सैनिकों से हुई थी. इस ब्रिज के कारण अब चीन को उत्तर से दक्षिणी हिस्से तक पहुंचने के लिए 180 किलोमीटर लंबे घुमाव से नहीं गुजरना होगा. इसका मतलब साफ है कि वो दक्षिणी लद्दाख में भारतीय सैनिकों के इलाके तक बड़ी ही आसानी और जल्द पहुंच जाएगा.

फिंगर एरिया में साल 2020 और 2021 में भारतीयों और चीनी सैनिकों के बीच स्टैंड ऑफ की स्थिति बनी थी. तब भारतीय सैनिकों ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उन्हें वापस खदेड़ दिया था, लेकिन अब इस इलाके में जल्द पहुंचने की अपने क्षमता विकसित कर लेने के बाद चीन मजबूत स्थिति में आ सकता है. साथ ही वो आसानी से भारी हथियार भी फिंगर एरिया तक ले जा सकता है.

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