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Rahul Gandhi Mohabbat Ki Dukan poster sticking in shops after yogi name plate Decision in UP


Rahul Gandhi Poster In Shops: कावड़ यात्रा के रूट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेम प्लेट वाले फैसले को लेकर सियासत तेज हो गई है. योगी सरकार के फैसले पर भाजपा के सहयोगी दलों ने भी नाराजगी जाहिर की है. विपक्ष ने भी इस मुद्दे को आड़ें हाथ लिया. वहीं कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने नेम प्लेट की जगह हर दुकान पर योगी सरकार के खिलाफ पोस्टर चिपका दिए हैं. 

जो पोस्ट हर दुकान पर चिपकाए जा रहे , उसमें राहुल गांधी की तस्वीर बनी हुई है जिस पर लिखा है मोहब्बत की दुकान और ठीक उसी के नीचे योगी सरकार पर तंज करते हुए लिखा हुआ है नो- हिंदू मुसलमान. विपक्षी नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला लोकतांत्रिक और असंवैधानिक है. उनका यह कहना है कि यह देश की गंगा जमुनी तहजीब के खिलाफ है. देश में मोहब्बत भाईचारे और एकता की बात होनी चाहिए ना के हिंदू मुसलमान को अलग-अलग करने की. 

कांवड़ियों का स्वागत करते हैं गांव के मुसलमान

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला देश को बांटने का कार्य कर रहा है. यह गलत है यह आदेश वापस होना चाहिए. मुस्लिम भाई कांवड़ियों पर यात्रा में फूल की वर्षा करते हैं पानी, शरबत और लंगर करके उनका स्वागत करते हैं. 

हम गंगा जमुनी तहजीब के लोग हैं – दानिश अली 

दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ के दुकान और ठेले पर नेम प्लेट वाले फैसले के बाद उन पर तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं और लगातार विपक्ष द्वारा उन पर हमला किया जा रहा है. इसी को लेकर कांग्रेस नेता दानिश अली ने कहा कि कितना बाटोगे लोगों को. उन्होंने कहा कि हमारा इलाका पश्चिमी उत्तर प्रदेश का है. हम गंगा जमुनी तहजीब के लोग हैं. हमारे यहां कोई अगर कांवड़ लेकर आता है तो उसका लोग गांव में स्वागत करते हैं. चाहे वह हिंदू है या मुसलमान है. जब कोई हज करके आता है तो सब लोग उसका स्वागत करते हैं चाहे कोई हिंदू है या मुसलमान. 

मुस्लिम दुकानदारों ने फैसले का किया स्वागत

हालांकि, विपक्ष के विरोध के बावजूद लोगों ने अपनी दुकानों पर नाम लिखने शुरू कर दिए हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन का आदेश है और नाम लिखने में कोई आपत्ति नहीं है. संगम शुद्ध भोजनालय के नाम से ढाबा चलाने वाले संचालक जिनका नाम सलीम है, ने बताया कि उन्होंने दुकान के आगे अपने नाम का बोर्ड लगा दिया है, जो है सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय. उन्होंने कहा कि आदेश बिल्कुल सही है और जैसा प्रशासन कहेगा हम वैसा ही मानेंगे. वहीं एक शख्स ने कहा कि हम तो चाहते हैं अपनी दुकान के सामने अपना नाम लिखना.

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