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हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अदाणी ग्रुप पर निशाना साधने वाले नेताओं के चीनी कनेक्शन की हो जांच : वकील महेश जेठमलानी




नई दिल्ली:

अदाणी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenburg Report) में चीन का कनेक्शन सामने आने के बाद सीनियर एडवोकेट और राज्यसभा में BJP सांसद महेश जेठमलानी (Mahesh Jethmalani) ने जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर अदाणी ग्रुप पर आरोप लगाने वाले कुछ राजनेताओं के चीन के साथ संबंध की सरकार जांच करे. जेठमलानी ने हाल ही में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट के पीछे चीन का हाथ बताया था, जिसमें अदाणी ग्रुप को निशाना बनाया गया था.

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अदाणी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की. हालांकि, अदाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया था.

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इस मामले में महेश जेठमलानी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि अदाणी ग्रुप के खिलाफ ऐसी रिपोर्ट का मकसद वास्तव में चीन का बदला था. चीन ने इस ग्रुप के हाथों हाइफा पोर्ट जैसे इंटरनेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट खोने का बदला लेने के इरादे से ये साजिश रची थी. 

‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ पर हंगामा करने वालों की हो जांच
महेश जेठमलानी ने कहा, “अब जब ये बात सामने आ चुकी है कि अदाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की साजिश के पीछे चीन का हाथ है, तो भारत सरकार को उन लोगों के साथ चीन के कनेक्शन की जांच करनी चाहिए, जिन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के प्रकाशन से पहले और बाद में ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ को लेकर हंगामा किया था.”

जेठमलानी ने कहा, ”अदानी ग्रुप पर हमले की वजह रणनीतिक अहमियत वाले खनन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की बोली में चूक का चीनी प्रतिशोध था. इसमें सबसे अहम इजरायली पोर्ट हाइफा की बोली शामिल थी.”

चीनी हितों से जुड़ने पर तुला राजनीतिक वर्ग का एक हिस्सा
महेश जेठमलानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, “चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ भारतीय राजनेताओं को हाइफा पोर्ट का प्रोजेक्ट हासिल करने वाली अदाणी ग्रुप की कामयाबी से खुशी नहीं थी. IMEC- भारत, मिडिल ईस्ट और यूरोप के इकोनॉमिक कॉरीडोर का उद्देश्य चीन की BRI-बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के साथ प्रतिस्पर्धा करना है. IMEC के बदले शत्रुतापूर्ण देशों के कर्ज के जाल को समर्थन देने से एक मजबूत निष्कर्ष निकाल जा सकता है. निष्कर्ष ये है कि हमारे राजनीतिक वर्ग का एक हिस्सा खुद को चीनी रणनीतिक हितों के साथ जोड़ने पर आमादा है. इससे खुदरा निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है.” 

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चीन की एक लॉबिस्ट का सामने आया था नाम
इस महीने की शुरुआत में महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया था कि चीन की एक लॉबिस्ट ने अदाणी स्टॉक को कम बेचकर भारी मुनाफा कमाया. जेठमलानी ने 9 जुलाई को ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, “जो फंडिंग पूरी नहीं हुई, उसका खुलासा नहीं किया गया. वो फंडिंग एक मिस्ट्री बनी हुई है.”

शैनन वॉन सैंट का भी दिया हवाला
जेठमलानी ने अपने पोस्ट में कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि द चाइना प्रोजेक्ट और इसके संस्थापक अनला चेंग CCCP लॉबिस्ट थीं. अमेरिकी कांग्रेस में उनके पूर्व स्टाफ शैनन वॉन सैंट ने भी इसके सबूत दिए हैं. चीनी जासूस आनला चेंग सप चाइना की सीईओ भी रहीं, ये एक प्रो चाइना मीडिया इनिशिएटिव है. उन्होंने अपने पति और अमेरिकी कारोबारी मार्क किंगडन के साथ हिंडनबर्ग को अदाणी ग्रुप पर रिसर्च के लिए हायर किया था. अदाणी के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट मुहैया कराने को कोटक की सेवाएं ली गई थीं. इससे अदाणी के मार्केट कैप को बुरी तरह चोट पहुंचाई गई.”

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BJP नेता ने आगे कहा, “हालांकि, अब जो पब्लिक डोमेन में है, वह यह है कि चेंग और उनके परिवार ने जनवरी/फरवरी 2023 में अदाणी स्टॉक को कम बेचकर कम से कम लगभग 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई की. इसका एक हिस्सा आसानी से प्रोजेक्ट की फंडिंग कर सकता था.” जेठमलानी सवाल उठाते हैं, “ये कैसे तय होगा कि अदाणी ग्रुप के शेयरों की शॉर्ट शेलिंग में जो 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया, उससे उन लोगों ने मुनाफा नहीं कमाया? वो मुनाफा किसका था- चीन का या किसी प्राइवेट एक्टर का? क्या किंगडन, चेंग और उनके परिवार ने पहले भारतीय बाजारों में कम कारोबार किया था? और क्यों?”

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की समीक्षा याचिका
हिंडनबर्ग मामले में 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने पहले फैसले में अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) जांच से इनकार कर दिया था.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, “समीक्षा याचिका पर गौर करने के बाद रिकॉर्ड में कोई खामियां नजर नहीं आती. सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला नहीं है. इसलिए, समीक्षा याचिका खारिज कर दी जाती है.”

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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)




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