Chhattisgarh mob lynching case: police chargesheet says cow transporters jumped from bridge in Arang
Chhattisgarh Mob Lynching Case: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में पिछले महीने ट्रक से मवेशी ले जा रहे तीन लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसमें पुलिस ने दावा किया कि इन तीनों का कुछ लोगों ने करीब 53 किलोमीटर तक पीछा किया था जिसके बाद नदी के पुल से कूदने के कारण उनकी मौत हुई और उनके साथ कोई मारपीट नहीं हुई थी.
पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि आठ जुलाई को रायपुर की अदालत में चार्जशीट दाखिल किया गया. पुलिस ने पहले बताया था कि मवेशियों को ले जा रहे गुड्डू खान (35) और चांद मियां खान (23) की सात जून की सुबह जिले के आरंग थाना क्षेत्र में भीड़ ने पीछा किया था, इसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उनका एक अन्य साथी सद्दाम कुरैशी भी इसी घटना में गंभीर रूप से घायल पाया गया था, जिसकी 18 जून को यहां एक अस्पताल में मौत हो गई थी.
किन धाराओं में दर्ज है मामला?
उत्तर प्रदेश के रहने वाले तीनों लोग आरंग क्षेत्र में महानदी पर बने पुल के नीचे पाए गए थे, जबकि भैंसों से लदा उनका ट्रक पुल पर खड़ा मिला था. आरंग पुलिस ने तब मामले के संबंध में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 304 (गैर इरादतन हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 34 (साझा इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. कुरैशी की मौत के बाद पुलिस ने कहा था कि उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट के कारण प्राणघातक चोट लगने का जिक्र नहीं है, जिसके बाद हत्या के प्रयास का आरोप हटा दिया गया. पुलिस ने तब मामले की जांच के लिए रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कीर्तन राठौर के नेतृत्व में 14 सदस्यीय विशेष दल का गठन किया था.
पांच आरोपी गिरफ्तार
बाद में पुलिस ने अलग-अलग जगहों से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपपत्र में कहा गया है, ‘पांचों आरोपियों को संभवत: मवेशियों को ले जा रहे एक वाहन के बारे में जानकारी मिली थी. तीन कार में सवार आरोपियों ने ट्रक का पीछा किया और लोहे की कीलें लगी लकड़ी और कांच के टुकड़े फेंक कर वाहन को रोकने की कोशिश की. ट्रक चालक ने भागने के लिए करीब 14 किलोमीटर तक गलत दिशा में गाड़ी चलाई, लेकिन आरोपियों ने उनका पीछा करना जारी रखा. जब आरोपियों द्वारा फेंकी गईं लोहे की कीलों और पत्थरों के कारण ट्रक का एक टायर क्षतिग्रस्त हो गया तो ट्रक महानदी नदी पर बने पुल पर रुका.’
आरोप पत्र में कहा गया है कि ट्रक में सवार तीनों लोग डर के कारण वाहन से उतर गए और अपनी जान बचाने के लिए पुल से नदी में कूद गए. इसमें कहा गया है कि पूरी घटना में आरोपियों ने करीब 53 किलोमीटर तक तेज गति से ट्रक का पीछा किया और उसे अवैध रूप से रोकने की कोशिश की, जिससे पता चलता है कि आरोपियों को पता था कि उनके कृत्य से ट्रक में सवार लोगों की मौत हो सकती है या उन्हें ऐसी शारीरिक चोट लग सकती है जिससे उनकी मौत हो सकती है.
‘भयभीत होकर नदी में कूदे’
आरोप पत्र के मुताबिक, आरोपियों के कृत्य से भयभीत होकर तीनों व्यक्ति ट्रक से उतर गए और पुल से नदी में कूद गए, जिससे तीनों में से एक चांद मियां की मौके पर ही मौत हो गई और गुड्डू खान ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया.
इसमें कहा गया कि सद्दाम ने करीब 12 दिनों के इलाज के बाद दम तोड़ दिया. आरोप पत्र में कहा गया है कि पुल से कूदने के बाद उसे लगी गंभीर चोटों के कारण उसकी मौत हो गई. इसमें कहा गया है कि आरोपियों का कृत्य भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 में उल्लेखित आपराधिक कृत्य के अंतर्गत आता है. जांच के बाद आईपीसी की धारा 304 और 34 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया. घटना के बाद चांद और सद्दाम के चचेरे भाई एवं शिकायतकर्ता शोहेब खान ने आरोप लगाया था कि तीनों लोग जब मवेशियों (भैंसों) से भरे ट्रक में महासमुंद (पड़ोसी जिला) से आरंग की ओर जा रहे थे तभी भीड़ ने उनका पीछा किया और उन पर हमला किया.
खान ने दावा किया था कि उन्हें चांद ने फोन किया था. उन्होंने कहा कि उनके दोस्त मोहसिन को सद्दाम ने तब फोन किया था जब उन पर हमला हो रहा था. शोहेब ने कहा था, ‘चांद ने मुझे बताया कि उन पर भीड़ द्वारा हमला किया जा रहा है लेकिन इससे पहले कि वह कोई जानकारी दे पाता, फोन कट गया.’ उसने कहा था कि मोहसिन को की गई फोन कॉल 47 मिनट तक चली थी जिसमें सद्दाम ने कहा था कि उसके हाथ-पैर टूट गए हैं.
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