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हाथरस के सत्संग में 123 लोगों की मौत पर पहली बार भोले बाबा की सफाई




कासगंज:

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 2 जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में दौरान मची भगदड़ में 123 लोगों की जान जा चुकी है. 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. सत्संग में मची भगदड़ के बाद से भोले बाबा फरार चल रहा था. अब हादसे के 15 दिनों बाद उसे 123 लोगों की मौतों पर अफसोस जताया है. बाबा के कासगंज आश्रम पहुंचने पर वहां भक्तों की भीड़ लग गई. ऐसे में पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है.

सूरजपाल उर्फ भोले बाबा बुधवार को अपने वकील एपी सिंह और पत्नी के साथ कासगंज जिले के पटियाली क्षेत्र के गांव बहादुर नगर में बने अपने आश्रम पर पहुंचा. न्यूज एजेंसी IANS के साथ खास इंटरव्यू में भोले बाबा ने हाथरस के सत्संग में मचे भगदड़ पर अफसोस जताते हुए कहा, “होनी को कौन टाल सकता है. जो आया है, उसे एक दिन जाना ही है.”

चरण रज की बात झूठी
रिपोर्ट के मुताबिक, हाथरस सत्संग में मचे भगदड़ के बाद बाबा ने फिलहाल के लिए प्रवचन देना बंद कर दिया है. बाबा ने कहा, “हाथरस में हादसा होने के बाद चरण रज की बात का झूठा प्रचार किया गया. सिकंदराऊ समेत किसी भी सत्संग में मैंने मंच से इस तरह की बात कभी नहीं कही है.”

जहरीले स्प्रे की बात सच
भोले बाबा ने अपने वकील एसपी सिंह के उस दावे को सच बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्संग में जहरीले स्प्रे का छिड़काव किया गया था. बाबा ने कहा, ”प्रत्यक्षदर्शियों ने जहरीले स्प्रे के बारे बताया है. वो सच है. कोई न कोई साजिश हुई है. लोग बदनाम करने में लगे हुए हैं. लेकिन हमें इस मामले की जांच कर रही SIT पर भरोसा है.”

मैं और मेरा आश्रम हादसे के पीड़ितों के साथ
बाबा ने कहा, “मेरे खिलाफ भ्रामक प्रचार करने वालों की अपनी सोच है. हादसे में जिन परिवारों की हानि हुई है. मैं और पूरा आश्रम परिवार उन लोगों के साथ है.”

इससे पहले एक वीडियो बयान में हाथरस भगदड़ की घटना पर सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ ने कहा, “हम 2 जुलाई की घटना के बाद बहुत ही व्यथित हैं…प्रभु हमें इस दुख की घड़ी से उभरने की शक्ति दे. सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें. हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवकारी हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा. मैंने अपने वकील ए.पी. सिंह के माध्यम से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें…”

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कौन है भोले बाबा?
भोले बाबा मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) में पटियाली गांव के रहने वाला है. उसने बताया कि पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुआ था. 18 साल की नौकरी के बाद उसने VRS ले लिया. वो अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहता था और उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों में घूम कर लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाता था. 

दर्ज हो चुका है यौन शोषण का केस
विश्व हरि भोले बाबा को अनुयायी भोले बाबा के नाम से पुकारते हैं. इनका विवादों से पुराना नाता रहा है. यूपी पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल की नौकरी के दौरान 28 साल पहले बाबा इटावा में भी पोस्टेड रहा. वहां उसपर यौन शोषण का केस दर्ज हो गया था. जिसके बाद उसे यूपी पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया. कुछ दिनों की जेल भी हुई. जेल से छूटने के बाद सूरज पाल ने अपना नाम और पहचान बदल लिया. भोले बाबा बनकर प्रवचन देने लगा.

सियासत में भी है कनेक्शन
भोले बाबा का सियासत और राजनीतिक नेताओं से अच्छा-खासा कनेक्शन है. कुछ मौकों पर यूपी के कई बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा गया. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी इसमें शामिल हैं. अखिलेश ने अपने X हैंडल से भोले बाबा के सत्संग की फोटोज और वीडियोज शेयर की थी.

SC/ST समुदाय में अच्छी पैठ 
भोले बाबा खुद जाटव है. उसकी एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में उनकी गहरी पैठ है. मुस्लिम भी उनके अनुयायी हैं. यूपी के अलावा, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में उसके समागम होते हैं.

हाथरस हादसे में 11 लोग गिरफ्तार
हाथरस हादसा मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भोले बाबा के मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर सहित 11 अन्य सेवादरों को मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया है. 






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