raghav chadha discussed various things at the Cambridge India Conference
Delhi News: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने कैम्ब्रिज इंडिया कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया और विभिन्न विषयों विशेषकर भारतीय राजनीति पर अपने विचार रखे. राघव चड्ढा ने इस बात पर जोर देकर कहा कि राजनीति में युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए समान मौका देना जरूरी है जैसा कि हमारी पार्टी ने दिया है.
युवाओं को राजनीति में आने के लिए किस तरह की बाधा का सामना करना पड़ता है, इसको लेकर राघव चड्ढा ने अपनी राय रखी. राघव ने कहा, ”आज राजनीति में आने के लिए एक मजबूत गॉड फादर होना जरूरी है. इसके अलावा व्यक्ति के पास मसल पावर,मनी पावर और मीडिया पावर होना चाहिए या फैन्सी सरनेम होना चाहिए. अगर हम इन चुनौतियों से निपटेंगे तो आसानी से युवा राजनीति का हिस्सा बन पाएंगे.”
युवाओं को हमने फ्रंट में लाया- राघव
चड्ढा ने इस दौरान आम आदमी पार्टी की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा, ”मेरी राजनीतिक पार्टी, मेरे नेता अरविंद केजरीवाल बहुत युवा थे जब उन्होंने राजनीतिक पार्टी शुरू की थी. मेरी राजनीतिक पार्टी में सभी युवा हैं. हमारा सोशल मीडिया चलाने वाले 30-35 साल के हैं. दिल्ली और पंजाब के कैबिनेट के आधे सदस्य 40-45 साल के हैं. दिल्ली और पंजाब ने पहले इतना युवा प्रतिनिधित्व नहीं देखा. हमने युवाओं को फ्रंट में लाया है.”
To encourage young people to participate in politics, we need to level the playing field as my party, the AAP has done. Politics should attract youth based on leadership qualities and a strong desire to serve the nation, rather than relying on a fancy surname, money power or… pic.twitter.com/C0IoS7tJz2
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) July 15, 2024
फ्रीबीज पॉलिटिक्स पर यह बोले राघव चड्ढा
दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने चुनाव में मुफ्त बिजली और पानी का वादा किया था. दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी इस तरह की फ्रीबीज की घोषणाएं करती हैं. वहीं, इस दौरान उनसे फ्रीबीज राजनीति को लेकर भी सवाल किया गया तो राघव चड्ढा ने कहा, ”मैं इसे कल्याणकारी राजनीति मानता हूं. भारत एक कल्याणकारी देश है. कल्याण मेरे लिए एक सामाजिक सुरक्षा नेट तैयार करना है. जिसमें पानी, बिजली, पबलिक ट्रांसपोर्ट तक पहुंच, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है. जिसका खर्च सरकार उठाए. यह बेसिक निवेश है जो किसी कल्याणकारी राष्ट्र को अपने मानव संसाधन के साथ करने की जरूरत है ताकि वे अच्छा प्रदर्शन कर सकें और खुशहाल जिंदगी जी सकें.”
ये भी पढे़ं- अरविंद केजरीवाल के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू, जमानत से जुड़ा है मामला