Ghulam nabi azad on amending the Jammu and kashmir Reorganization Act
Ghulam Nabi Azad News: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ा दी गई हैं. यह जम्मू-कश्मीर से जुड़े एक अधिनियम में संशोधन के तहत ऐसा किया गया है. इस पर पूर्व सीएम गुलाब नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की तीखी प्रतिक्रिया आई है. आजाद ने कहा कि ”अगर ऐसा है तो फिर विधानसभा चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं उसपर भी सोचना पड़ेगा.”
गुलाम नबी आजाद ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, ”मैं एलजी को पावर देने के खिलाफ नहीं हूं. जम्मू-कश्मीर ना तो दिल्ली है और ना पुडुचेरी है. बहुत वर्षों तक स्टेट रही है और दुनिया में मशहूर है. आजादी के बाद अकेली स्टेट रही है जहां पीएम रहा है और स्टेट का राष्ट्रपति रहा है तो यह कोई आम स्टेट नहीं है. संवैधानिक रूप से यहां पीएम और राष्ट्रपति रहे हैं. इन शक्तियों को 1965 की सरकार ने हटा दिया था जो कि गलत कदम था. पीएम और राष्ट्रपति का दर्जा सीएम और गवर्नर का कर दिया था.”
धीरे-धीरे छीनी जा रही शक्तियां – आजाद
केंद्र सरकार के मौजूदा फैसले पर आजाद ने कहा, ”इसका मतलब है कि विधानसभा, सीएम और कैबिनेट की शक्ति को आहिस्ता आहिस्ता खत्म किया गया. शेख साहब पहले पीएम थे. और 2019 में जो पावर बिल्कुल ही ले लिए गए. 370 हटाकर राज्य का दर्जा ले लिया गया. 35 ए हटा लिया गया, हमारे पास तो कुछ भी शक्ति नहीं है. अब उसको और ना छेड़ा जाए. मैंने तब भी बिल का विरोध किया था. कई घंटे धरना दिया था.”
हम चुनाव ही क्यों लड़ें – आजाद
आजाद ने आगे कहा, ”यह सीमावर्ती स्टेट है. एक सीमा पर पाक और दूसरे पर चीन है. हमने यहां के लोगों को कैसे अपनाना है. भारत के हुकूमत को जम्मू कश्मीर के लोगों से ऐसे बर्ताव करना चाहिए कि वे अपने मुल्क पर फक्र कर सकें.” विपक्षी पार्टियां कह रही हैं कि बीजेपी ने हार मान ली है और एलजी को शक्ति दी गई है. इस पर आजाद ने कहा, ”अभी तो चुनाव हुए ही नहीं हैं. सवाल हार मानने का नहीं है. हम सभी पार्टियां छह सालों से मांग कर रही हैं चुनाव कराए जाएं. चुनाव होने से पहले सारी शक्तियां ले लीं तो चुनाव कराने का क्या मतलब है. हमारे जैसे लोग सोचते हैं कि चुनाव ही क्यों लड़ें.”
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